दिग्विजय ने मोदी को क्यों लिखा पत्र जानिए

WhatsApp Channel Join Now
Google News Follow Us

भोपाल. भोपाल डॉट कॉम
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। दिग्विजय ने केन्द्र की योजनाओं में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को उम्र सीमा में छूट की मांग की है। दिग्विजय ने डॉ वीरेंद्र कुमार, मंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और डॉ. जितेंद्र सिंह माननीय राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय को भी पत्र भेजा है।
चलिए बताते हैं क्या-क्या लिखा दिग्विजय ने पीएम को लिखे पत्र में ..

माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी,
प्रधानमंत्री, भारत सरकार,
नई दिल्ली।

विषय : केंद्र के विभिन्न सेवाओं में EWS वर्ग के लिए उम्र की सीमा में छूट की मांग।
माननीय महोदय,
केंद्र सरकार ने 12 जनवरी, 2019 को EWS वर्ग के लिए 10% आरक्षण का प्रावधान रख कर समाजिक न्याय की नई नींव रखी, जिसके लिए सम्पूर्ण राष्ट्र प्रधानमंत्री जी का कृतज्ञ है। परन्तु EWS में उचित उम्र सीमा में समुचित छूट न होने कि वजह से धरातल पर वंचित वर्ग को, इसका सम्पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है।
केंद्रीय EWS के लिए प्रत्येक लाभार्थी के पास आय और सम्पति की दोहरी मापदंड की पात्रता होनी चाहिए। (अनुलग्नक A-1]
EWS की प्रारंभिक क्रियान्वयन से ही इसमें उम्र सीमा में छूट की मांग होती रही है। तब केंद्र सरकार ने विचारविमर्श और इसके प्रभाव के अध्ययन के बाद समुचित कार्यवाही का आश्वासन दिया था। (अनुलग्नक A-21)
केंद्र सरकार की विभिन्न परीक्षाओं में EWS आवेदकों के स्थिति का संक्षिप्त विवरण
(1) UPSC के वार्षिक रिपोर्ट- 2019 और 2020 के अनुसार, EWS श्रेणी में आवेदकों की संख्या अन्य वर्गो के तुलना में बहुत कम है। UPSC-2019 के सिविल सर्विस परीक्षा में EWS श्रेणी में प्रति पद आवेदकों की संख्या, अनुसूचित जाति से 3.6 गुना कम, अनुसचित जनजाति से 3 गुना और ओबीसी मे 2.5 गुना कम है। यही स्थिति UPSC सिविल सर्विस-2020 के आवेदनों मे देखा गया। UPSC के अन्य परीक्षाओं जैसे इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस और इंडियन फारेस्ट सर्विस मे भी अन्य वर्गों के मुक़ाबले EWS श्रेणी मे प्रति पद बहुत कम आवेदन हैं।
(2) एसएससी के तीन मुख्य परीक्षाओं – CGL, CHSL और CPO- में भी EWS श्रेणी में अन्य वर्गों के अपेक्षा कम आवेदन होते हैं. उदाहरण के लिए, SSC-CPO 2020 में, EWS श्रेणी मे प्रति पद आवेदन क्रमशः अनुसूचित जाति से 4.4 गुना कम, अनुसूचित जनजाति से 4 गुना कम और ओबीसी से 3.3 गुना कम हैं। फाइनेंसियल सेक्टर की परीक्षाओं जैसे सेबी और रिजर्व बैंक के नाबार्ड (NABARD) में EWS श्रेणी में स्थिति और भी दयनीय है। जैसे सेबी -2022 के ग्रेड ‘A’ मे प्रति पद आवेदक, EWS वर्ग में क्रमशः अनुसूचित जाति से 6 गुना कम, अनुसूचित जनजाति से 3.5 गुना कम और ओबीसी से 2 गुना कम आवेदक हैं।
(3) EWS श्रेणी मे महिला अभ्यार्थियों कि संख्या भी अन्य वर्ग के मुक़ाबले कम हैं। परीक्षाओं मे सफल महिला अभ्यार्थियों कि संख्या भी, अन्य वर्ग के मुक़ाबले, EWS श्रेणी में कम रही हैं। जब जनसंख्या में आधे हिस्सेदारी करने वाली EWS महिलायें प्रशासनिक पदों पर उचित प्रतिनिधित्व से वंचित रहेंगी तो केंद्र के प्रमुख जयघोष “बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओं के लक्ष्य की हार होगी।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने 19/09/2022 के सामान्य प्रश्न विज्ञप्ति में ये स्पष्ट किया था कि जो जातियाँ राज्यों में ओबीसी में आती हैं पर केंद्रीय ओबीसी में सूची में नहीं हैं वो भी केंद्र में EWS का लाभ लें सकती हैं। ऐसी कई जातियाँ भी EWS में उम्र सीमा में छूट न मिलने की वजह से वंचित हैं।
कई जातियाँ जैस मराठा, पटेल-पाटीदार, रेड्डी, ब्राह्मण, बनिया, राजपूत, कप्पा, उप्र–हरियाणा के जाट और कई राज्यों में घोषित ओबीसी जातियाँ, जो केंद्र में EWS श्रेणी में आती हैं, उम्र सीमा में छूट के आकांक्षी हैं। कई राज्यों ने उम्र सीमा में छूट प्रदान कर दी हैं।
अतः अनुरोध है कि केंद्रीय सेवाओं में आयु सीमा में 5 साल कि छूट देकर EWS वर्ग के साथ समुचित न्याय करें।
शुभकामनाओं सहित,
आपका
(दिग्विजय सिंह)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *