दमोह में आकार ले रहा सफेद मार्बल का जैन मंदिर
दमोह. भोपाल डाट कॉम
दुनिया का सातवां अजूबा कहे जाने वाले ताजमहल की तर्ज पर दमोह में मध्य प्रदेश का पहला सफेद मार्बल का जैन मंदिर लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. राजस्थान के मकराना से आए हुए कारीगर मंदिर की कलाकृतियों को अंतिम रूप दे रहे हैं.दमोह: दुनिया का सातवां अजूबा कहे जाने वाले ताजमहल की तर्ज पर दमोह जिले की तेन्दूखेड़ा तहसील की पावन धरा पर मध्यप्रदेश का पहला सफेद मार्बल का जैन मंदिर बनाया जा रहा है. यह मंदिर लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आदेश पर आर्यिका श्री अकम्पमती माता जी के सानिध्य में राजस्थान के मकराना से आए हुए कारीगर मंदिर की कलाकृतियों को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं.मंदिर की नींव 16 अक्टूबर 2015 को रखी गई थी. 2 नवंबर 2015 को शिलान्यास मुनि श्री विमल सागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में हुआ था. गर्भगृह में 24 स्तंभ, दूसरे तल पर भी 24 स्तंभ मौजूद हैं. तीन शिखर मंदिर में बनाए गए हैं. प्रथम तल पर तीन वेदियों पर अलग-अलग 7.5 फीट ऊंची मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमाएं, दूसरे तल में पंचवालयती में भगवान पारसनाथ, मल्लीनाथ, महावीर, नेमीनाथ,वासुपूज्य भगवान की प्रतिमाएं विराजमान हैं.
यह मंदिर प्रदेश का ‘पहला अजूबा’ होगा
विवेक जैन ने मंदिर की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि नगर में दो पुराने महावीर मंदिर और पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर थे. उन्हें एक करने की योजना बनाई गई. इसको लेकर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से सफेद मार्बल के पत्थर से मंदिर निर्माण का आर्शीवाद प्राप्त हुआ और आज मंदिर लगभग बनकर तैयार होने को है. दावा किया कि जिस तरह देश का सातवां अजूबा ताजमहल है. ठीक उसी प्रकार मध्यप्रदेश का पहला अजूबा तेन्दूखेड़ा का सफेद मार्बल से बना जैन मंदिर है.रावतपुरा सरकार ने किए दर्शन
रावतपुरा सरकार पहुंचे मंदिर में
विवेक जैन ने आगे बताया कि हाल ही में राष्ट्रीय संत का दर्जा प्राप्त रावतपुरा सरकार जबलपुर के लिए निकल रहे थे. इस बीच उनकी नजर मंदिर के कलश पर पड़ी तो उन्होंने नगरवासियों से पूछा यह चमकदार चीज क्या है. स्थानीय लोगों ने बताया कि महाराज वो जैन मंदिर है, जिसके बाद रावतपुरा सरकार से रहा नहीं गया और वह भी भगवान पार्श्वनाथ के दर्शन करने के लिए जैन मंदिर पहुच गए.
रंजीत अहिरवार, ब्यूरो