हादसा है….. लेकिन गुनाहगार बेरहम सिस्टम है
हमीदिया अस्पताल कमला नेहरू बच्चा बार्ड में आग…. मासूमों के कत्ल के अपराधियों को सजा कब होगी …. उमा भारती ने कहा- राजधर्म निभाएं शिवराज… शिवराज ने अफसरों से पूछा, क्यों नहीं हुआ फायर ऑडिट
अजय तिवारी
भोपाल। 09 नवंबर 2021
हर हादसे का बाद हंगामा खड़ा होता है। सरकार अपना धर्म निभाती है और विपक्ष अपनी ड्यूटी करता है। परिजन हादसे के जख्म लेकर खामोश हो जाते हैं। खामोशी से पहले चित्कार करती है, फिर सिसकियां में बदलती है और बेरहम सिस्टम से हार जाती है। राजधानी के हमीदिया अस्पताल हादसे में भी यही होगा।
गूंजने से पहले खामोश किलकारियों के गुनाहगारों को कितनी और कब सजा मिलेगी यह तो वक्त बताएगा। अभी तो राजधर्म की बात हो रही है। मानवाधिकार अपना धर्म निभाना रहा है। एक हफ्ते में रिपोर्ट तलब की है। सीएम शिवराज सिंह अफसरों के साथ मसले पर चर्चा करते हुए, गरम हुए। पूछा भी फायर ऑडिट करने के लिए कहा था, क्या हुआ। लेकिन, ऑडिट क्यों नहीं हुआ इसके लिए सरकार की निगरानी पर भी सवाल उठना लाजमी है।
मामले की जांच की बात हो रही है। सरकार सिस्टम को चेता रही है। सभी अस्पतालों के फायर ऑडिट के निर्देश दिए जा रहे हैं। फायर ऑडिट के आर्डर पहली बार नहीं दिए गए है। मासूमों की मौत को लेकर शर्म सरकार को आना चाहिए, क्योंकि सिस्टम की लगाम सरकार के हाथ में होती है। अस्पताल का मौजूदा कोलाहल शांत हो जाएगा। जांच की रस्म अदायगी होगी।
यह कहने में संकोच नहीं। तत्कालिक प्रशासनिक और सियासी शोर थम जाएगा, लेकिन अपने मासूमों को खोने वाले परिजन ज्यादातर ऐसे है, जिनके पास अपने मासूम की तस्वीर भी नहीं होगी। शर्म आती है बेशर्म जिम्मेदारों पर जो जिम्मेदारी लेने आगे नहीं आ रहे।
कमलनाथजी ने अपनी सियासी ड्यूटी निभाई है। मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। जज से जांच की मांग की है।