भोपाल

प्रीति संग कलाकारों ने नाट्य गीतों की यात्रा कराई


भोपाल. स्तुति तिवारी
भारत भवन के 42वें स्थापना दिवस पर प्रीति झा तिवारी व साथियों ने रंग संगीत की प्रस्तुति दी। अलग-अलग नाटकों से गीत लिए गए थे, जो मौलिक थे। रंग संगीत में नाटक आय एम सुभाष, सीमा पार, मजनू लाउंसमेंट, बोधायन व कई अन्य नाटकों में प्रस्तुत गीतों की यात्रा यादगार रही।
रंग संगीत की शुरुआत ‘प्रलय पयोधि जले गीत से हुई, उसके बाद कान किसी सुर को समझते नहीं, क्या है चौथा काला नहीं आता, मन तो सुरीला गाला हुआ गली गाना नहीं आता दिल की गलियाँ हम को कभी रास नहीं आई, इस नगर में डूब गई आसमानी खाई, तेरे मन की इच्छा पूरन हो जोगी से आस लगा, झोली दौलत पूरन हो जोगी से आग लगा’ गानों में आवाज और साज के साथ हर गीत की आत्मा से श्रोता जुड़े।

प्रीति झा तिवारी ( निर्देशन)
विकास सुरमौलिया ( संयोजन )
संदीप शर्मा ( मंच-संचालन )
सुनील गोतेल -ढोलक
आयुष- गिटार
आरंभ- क्लैप बॉक्स पर थे।
रजनीश परमार, प्रदीप शर्मा, आर्यांश, प्रदीप लोनारे, अमर, अक्षय चंद्र, रश्मि आचार्य, अतिथि शिंदे व मानसी

गीतों यह था सफर

  • प्रलय पयोधि जले
  • चित नहीं चैना, दिन और रैना कौन मोसे बातियाँ चुहल बतियावे जी
  • नदिया में है चांद बरसे, रात लगाये फेरा, तेरे बिन हैं मन में मेरा चाँद बस एक घेरा
  • कज़्ज़ाक तेरी आँखें आँखों के भवर तेरे
  • उड़ो रे हँसा
  • रम्पा चिका
  • दिल की गलियां
  • तू एक चेहरा है तो मेरे सामने आ
  • माया है अजब निराली
  • जोगी , तेरे मन की इच्छा पूरन हो जोगी से आस लगा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *