कोरोना ने रोकी अफ्रीकी चीतों की शिफ्टिंग, अगले साल आ सकेंगे कूनो में चीते
अगले माह नवंबर में मध्य प्रदेश की स्थापना दिवस पर कूनो नेशनल पार्क में चीतों के बाड़े का होना था लोकार्पण
भोपाल। ए कुमार
कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीकी चीतों की आना टल गया है। साउथ अफ्रीका में कोरोना की तीसरी लहर के वायरस के खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने यह फैसला लिया है। कूनो नेशनल पार्क के 70 से ज्यादा तेंदुआ और अन्य वन्य प्राणियों की सुरक्षा को देखते हुये फैसला लिया है।
मध्य प्रदेश सरकार के वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल ने इसकी पुष्टि की है । प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल का कहना है कि साउथ अफ्रीकी देशों में कोरोना केस काफी ज्यादा हैं । सरकार को कूनो नेशनल पार्क के अन्य वन्य प्राणियों की भी चिंता है साथ ही वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी चिंता है । इसको देखते हुए फिलहाल नवंबर में अफ्रीकी चीतों की शिफ्टिंग नहीं हो सकेगी। अफ्रीकी चीतों के लिए अभी कुछ माह और इंतजार करना पड़ेगा।
अगले साल कब आएंगे तय नहीं
वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि अफ्रीकी चीतों की कूनो नेशनल पार्क में शिफ्टिंग अगले साल ही संभव हो सकेगी। अगले साल कब होगी कहा नहीं जा सकता । माना यह जा रहा है कोरोना के चलते अफ्रीकी चीतों की शिफ्टिंग अगले साल मार्च माह तक संभव हो सके यदि अफ्रीका में कोरोना की स्थिति सामान्य रही तब। कोरोना की वजह से अब वन विभाग की टीम का अफ्रिका जाना भी टल गया है । इस टीम में दिल्ली की मिनिस्ट्री आफ फॉरेस्ट एनवायरमेंट एंड क्लाइमेट चेंज के अफ़सर, वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अधिकारी और देहरादून वन्य प्राणी विभाग के डॉक्टर की टीम साउथ अफ्रीका जाने वाली थी।
क्या-क्या है नेशनल पार्क में
बता दें कि मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 70 तेंदुए सहित हजारों की संख्या में चीतल, सांभर, जंगली सूअर, हिरण, खरगोश व अन्य वन्य प्राणी है। तेंदूआ और चीतों के बीच संघर्ष ना हो इसके लिए नेशनल पार्क में अलग से 5 वर्ग किलोमीटर के दायरे में चीतों का बड़ा बाड़ा बनाया गया है। कूनो पार्क में 8 अफ्रीकी चीतों को बसाया जाना है। इसके लिए नेशनल पार्क में वन विभाग ने सभी संसाधन जुटा लिए थे। इस बाड़े में कई जगह पानी के ताल तलैया बनाए गए हैं। साथ ही अफ्रीकी चीतों के शिकार के लिए इस बाड़े में बड़ी संख्या में शीतल, सांभर और जंगली सूअर के अलावा हिरण