MP में टूटा 25 साल का रिकॉर्ड: 13 जिलों में शीतलहर, कड़ाके की ठंड की वजह और 4 दिन का मौसम अलर्ट

MP में टूटा 25 साल का रिकॉर्ड: 13 जिलों में शीतलहर, कड़ाके की ठंड की वजह और 4 दिन का मौसम अलर्ट

भोपाल. BDC News. भूमिका तिवारी

पहाड़ी राज्यों – हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में हुई व्यापक बर्फबारी के कारण मध्य प्रदेश इस समय कड़ाके की ठंड की गिरफ्त में है। उत्तरी बर्फीली हवाओं के सीधे प्रभाव से प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से काफी नीचे गिर गया है। अनूपपुर और बालाघाट में पिछले दो दिनों से ‘कोल्ड डे’ (Cold Day) की स्थिति बनी हुई है, और गुरुवार को भी इसी स्थिति का अलर्ट जारी किया गया है।

शीतलहर का अलर्ट और न्यूनतम तापमान

मौसम विभाग ने गुरुवार के लिए भोपाल और इंदौर सहित कुल 13 जिलों में शीतलहर (Cold Wave) चलने की चेतावनी जारी की है। अलर्ट वाले जिलों में राजगढ़, शाजापुर, सीहोर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, मैहर, उमरिया और सिवनी भी शामिल हैं। अगले चार दिनों तक मौसम का मिजाज ऐसा ही ठंडा रहने का अनुमान है।

बुधवार और गुरुवार की रात प्रदेश के प्रमुख शहरों के तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई:

  • सबसे ठंडा: राजगढ़ (7.4°C)
  • इंदौर: 7.6°C (25 साल का रिकॉर्ड टूटा)
  • भोपाल: 8.2°C (10 साल का रिकॉर्ड टूटा)
  • जबलपुर: 9.9°C
  • उमरिया और नौगांव (छतरपुर): 8.4°C

तापमान में रिकॉर्ड तोड़ गिरावट

इस बार नवंबर के दूसरे सप्ताह में दर्ज की गई ठंड ने कई शहरों में पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। राजधानी भोपाल में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है, जो वर्ष 2015 के बाद नवंबर महीने में सबसे कम है। वहीं, इंदौर में पारा 7 डिग्री तक नीचे जाने से पिछले 25 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। इंदौर में नवंबर की ठंड का सर्वकालिक रिकॉर्ड 1938 में 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

ठंड बढ़ने का कारण: पश्चिमी विक्षोभ

मौसम विशेषज्ञ पीके शाह के अनुसार, इस साल हिमालयी क्षेत्र में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) समय से एक सप्ताह पहले सक्रिय हो गए। इसके परिणामस्वरूप, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी हुई है। उत्तर से दक्षिण की ओर बहने वाली ये बर्फीली हवाएँ सीधी मध्य प्रदेश तक पहुँच रही हैं, जिसके कारण ठंड का असर तीव्र हो गया है।

  • कोल्ड डे की परिभाषा: ‘कोल्ड डे’ की स्थिति तब बनती है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो और अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री या उससे अधिक नीचे गिर जाए।

दिन में भी बढ़ी ठंडक

रात के साथ-साथ अब दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। मंगलवार को अधिकांश शहरों में दिन का पारा 28 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। मौसम विभाग का अनुमान है कि धूप न निकलने की स्थिति में दिन के तापमान में भी और अधिक गिरावट दर्ज की जा सकती है।

नवंबर में ठंड और बारिश का ट्रेंड

मौसम के ट्रेंड को देखें तो पिछले 10 साल से नवंबर में तेज़ ठंड के साथ बारिश का पैटर्न भी देखा गया है। वहीं, ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में उत्तरी हवाओं का सीधा असर होने के कारण तापमान और भी अधिक लुढ़कने की संभावना है। ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में रात का तापमान 3 डिग्री तक पहुँचने का रिकॉर्ड है।

सोर्स: मौसम केन्द्र

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