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संतनगर में चैतीचांद का भव्य आयोजन, जतिन उदासी ने बांधा समां

संतनगर. BDC NEWS

सिंधू समाज के 64 वें चैतीचांद महोत्सव का दूसरा दिन सोमवार को गीत-संगीत के नाम रहा। कई वर्षों के बाद सांस्कृतिक उत्सव दशहरा मैदान पर लौटा। अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी, जिसने देर रात तक समां बांधे रखा।

कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण गायक कलाकार जतिन उदासी रहे, जिन्होंने 1 लाख के हाई वोल्टेज साउंड सिस्टम के साथ अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जतिन उदासी ने जैसे ही “सिंधी आयो, सिंधी कालायो, अपनी भाषा पर गर्व करो” गीत से अपनी प्रस्तुति की शुरुआत की, वैसे ही दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट और “जतिन जतिन” की गूंज से कार्यक्रम स्थल को गुंजायमान कर दिया। जतिन उदासी ने अपनी शानदार गायकी से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने “गुलाब जो आये गुल नालों आहे”, “ब्यूटीफुल लाल साईं जो”, “सदके विन्या सन्तो की नगरी में”, “हां मा सिंन्धी आया”, “जेको सिंधीन जो भगवान आहे”, “आयोलाल झूलेलाल” जैसे कई लोकप्रिय सिंधी भजन प्रस्तुत किए। हैवी साउंड सिस्टम की गूंज देर रात तक पूरे संतनगर में सुनाई देती रही।जतिन उदासी के साथ ज्योत्स्ना पहलाजानी और उनकी टीम ने भी शानदार प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम शुरू होने से पहले, पूरे मैदान को सैकड़ों दीपों से रोशन किया गया था, जिससे एक मनमोहक दृश्य बन गया था। मैदान पर आकर्षक झांकियां और बहराणा साहिब का रथ भी आकर्षण का केंद्र रहे। दर्शकों के लिए विशेष रूप से एलईडी लाइटें और खाने-पीने के स्टॉल भी लगाए गए थे, जहाँ लोगों ने अपने परिवार के साथ कार्यक्रम का आनंद लिया। सिंधू समाज द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की सभी ने सराहना की।

कार्यक्रम में पहुंचे विधायक रामेश्वर शर्मा ने सबसे पहले शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। कार्यक्रम में कलाकार ज्योत्सना ने सिंधी गीत “सिंधीन जा मेला मेला लगन्दा ही रहन्दा” प्रस्तुत किया, वहीं हितैष वासवानी (लखनऊ) ने भी अपने गीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। जतिन उदासी ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी सिंधी हैं, इसलिए हमें अपनी भाषा में ही बात करनी चाहिए।

भोपाल डॉट कॉम के लिए रितेश कुमार

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