शिक्षाविद गेहानी के साथ 100 शिक्षकों का सम्मान
शिक्षक त्याग व तपस्या की मूरत – सिद्धभाऊ
हिरदाराम नगर। BDC NEWS
शिक्षक ही विद्यार्थियों का सच्चा हितैषी व मार्गदर्शक होता है, विद्यार्थियों से मिला सम्मान ही शिक्षकों की अमूल्य निधि है। यह विचार शिक्षक सम्मान समारोह में संत सिद्धभाऊ ने व्यक्त किए। वे साधु स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। कर्नल नारायण पारवानी भी इस मौके पर मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरूआत परंपरागत तरीके से दीप प्रज्ज्वलन, अतिथि सत्कार के साथ हुई। शिक्षाविद् विष्णु गेहानी ने कहा कि शिक्षक का पेशा धन कमाने का साधन नहीं वरन यह पेशा कर्त्तव्यपालन का है। इस जिम्मेदारी से बच्चों का भविष्य जुड़ा हुआ है।
सिद्धभाऊ ने कहा कि जो विद्यार्थी अपने षिक्षक का सम्मान करता है वह सदैव ऊंचाइयों को छूता है, शिक्षक त्याग व तपस्या की मूरत है और शिक्षक के त्याग और तपस्या की सदैव कद्र करनी चाहिए, शिक्षक के अंदर वह दिव्य ज्योति है वह प्रतिभा है जिसके बल पर वह विद्यार्थी को हीरा बनाता है, लगन व आत्मीयता से विद्यार्थियों को पढ़ाने में शिक्षक को आत्मसंतोष मिलता है। कर्नल पारवानी ने शिक्षक शिल्पकार है जो भी जिस पद पर है वह अपने शिक्षकों के कारण है। कार्यक्रम शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों ने विचार एवं कविता के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए।
समारोह में शिक्षाविद् विष्णु गेहानी का सिद्धभाऊ, कर्नल नारायण पारवानी ने शाल व बुके से सम्मान किया। इसके अलावा 100 शिक्षक-शिक्षिकाओं का बुके एवं पुरस्कार देकर सम्मान किया गया।