मेरी मर्जी…संतनगर में संडे का जाम: न काम आई मल्टीपार्किंग न मेन रोड का चौड़ीकरण
सड़क पर वाहनों का रैला, खाली पड़ी पार्किंग
हिरदाराम नगर। 04अक्टॅूबर नरेश तोलानी
संडे यानी संतनगर की हर सड़क पर जाम। सालों-सालों पुरानी जाम की समस्या को लेकर मेन रोड़ चौड़ा हुआ। मल्टी लेबल पार्किंग बनी, लेकिन जाम के लिए सरकारी अमला तो जिम्मेदार है ही। व्यापारी और खरीदी करने वाले भी कम जिम्मेदार नहीं है। पार्किंग का शुल्क भारी पड़ने से दुकानों के सामने ही दो और चार पहिया वाहन पार्क करते हैं।
कार्रवाई करने वाला नगर निगम का अमला और पुलिस अब जाम को लेकर बेहद उदासीन है। सख्ती तो दूर टोकाटाकी भी नहीं हो रही है। बता दे एक वक्त था जब पार्किंग का रोना पॉर्किंग के लिए जगह न होने का रोया जाता था। मेन रोड पर सब्जी का कारोबारी होता था। समस्या के निदान के लिए पुरानी सब्जी मंडी को शहर के बीच से हटाया। मल्टी पार्किंग बनाई, लेकिन वाहन वहां तक पहुंचाने की जिम्मेदारी किसी ने नहीं निभाई। पार्किंग की समस्याओं को दूर करने के वादे हुए कुछ हुआ नहीं। कृष्णा कॉम्प्लैक्स से लेकर कालिका चौराहे पर जाम संडे की सूरत होती है।
कपड़ा बर्तन का थोक बाजार होने से संडे के दिन आसपास की व्यापारिक खरीदी और छुट्टी होने से आम ग्राहकी तीन से चार गुना बढ़ जाती है, एक अनुमान के मुताबिक आम दिनों की अपेक्षा वाहनों की संख्या हजारों में होती है। दिन के समय गनीमत होती है, लेकिन शाम के वक्त वाहन रेंग-रेंगकर चलते है।
अभी और बिगड़े के हाल
आने वाले दिनों सीजन की ग्राहकी बढ़ना तय है, जिससे जाम के हालात और खराब होंगे। रविवार को पितृपक्ष में भी जाम के हालात काफी खराब रहे।
कहां-कहां से होती है खरीदी
संतनगर में कारोबारी खरीदारी मंडीदीप, विदिशा, सीहोर, अब्दुल्ला गंज व आसपास के अन्य क्षेत्रों से होती है। जाम को लेकर व्यापारियों की चुप्पी इसलिए है, क्योंकि वह जाम के लिए खुद भी जिम्मेदार हैं।
जाम से उठता सवाल
आदर्श मार्ग क्यों बना
बस स्टैंड से लेकर एफ वार्ड होते हुए कंवरराम चौराहे तक आठ करोड़ में बना आदर्श मार्ग भी जाम की समस्या से परे नहीं हैं। चौड़ी करण में भले ही कई दुकानदारों की रोजी रोटी का संकट अब तक बना हो, लेकिन मार्ग की डिजाइन को लेकर व्यापारिक संगठन, सामाजिक संगठनों के नुमाइंदों की नेतागिरी ने आदर्श मार्ग को बेमानी कर दिया है।
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