Chaitra Navratri 2025: मां दुर्गा की उपासना और भक्ति का समय
- गुरूदेव तिवारी
देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का पर्व है नवरात्रि। पर्व समय शक्ति, समृद्धि, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। मां दुर्गा की उपासना और भक्ति का समय होता है। यह वर्ष का पहला नवरात्रि पर्व होता है। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। जानिए नवरात्र कब से कब तक है और कलश स्थापना का मुहूर्त क्या है।
आरम्भ और समापन तिथि
2025 में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च 2025 को होगी। यह प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 04:27 बजे से शुरू होगी और 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी। इस दौरान कलश स्थापना या घट स्थापना का महत्व होता है, जो नवरात्रि पूजा का शुभारंभ माना जाता है।
चैत्र नवरात्र 2025
- 30 मार्च को घटस्थापना है।
- घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 2025- घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 13 मिनट से प्रारंभ होगा और सुबह 10 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।
- घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
9 दिनों का पूजा कैलेंडर
नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है। प्रत्येक दिन एक देवी का पूजन किया जाता है, और हर देवी के स्वरूप में अलग-अलग प्रकार की शक्ति और आशीर्वाद समाहित होते हैं।
दिन | तिथि | वार | देवी पूजा |
प्रतिपदा | 30 मार्च 2025 | रविवार | मां शैलपुत्री |
द्वितीया | 31 मार्च 2025 | सोमवार | मां ब्रह्मचारिणी |
तृतीया | 1 अप्रैल 2025 | मंगलवार | मां चंद्रघंटा |
चतुर्थी | 2 अप्रैल 2 | बुधवार | मां कूष्मांडा |
पं3 | 3अप्रैल 2025 | गुरुवार | मां स्कंदमाता |
षष्ठी4 | 4 अप्रैल 2025 | शुक्रवार | मां कात्यायनी |
सप्तमी | 5 अप्रैल 2025 | शनिवार | मां कालरात्रि |
अष्टमी | 6 अप्रैल 2025 | रविवार | मां महागौरी |
नवमी | 7 अप्रैल 2025 | सोमवार | मां सिद्धिदात्री |
- नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापित कर पूजा की शुरुआत की जाती है।
- ब्रह्म मुहूर्त स्नान के बाद अनुष्ठान की शुरुआत करें, स्वच्छता तथा पवित्रता का ध्यान रखें।
- एक बर्तन लें और उसमें मिट्टी डालकर उसे पानी से गीला करें।
- मिट्टी में जौ के बीज बोएं, जो घर में समृद्धि और विकास का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- जौ के ऊपर एक मिट्टी का कलश रखें।
- कलश को गंगा जल से भरें।
- कलश के जल में सुपारी, एक सिक्का और फूल डालें।
- कलश के ऊपर एक मिट्टी का कटोरा रखें, जिसे अक्षत से भरा गया हो।
- कलश के सामने देवी की प्रतिमा स्थापित करें। नवरात्रि के नौवें दिन राम नवमी मनाई जाती है।
- नवरात्रि के आखिरी दिन कन्या पूजन करें। कन्याओं को भोजन कराएं और उपहार दे।