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नेचुरल गुलाल बनाने का आसान तरीका | घर पर हर्बल गुलाल कैसे बनाएं?

होली रंगों का त्योहार है, लेकिन बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त गुलाल सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इनमें मिले हुए रासायनिक तत्व त्वचा और आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में घर पर प्राकृतिक गुलाल बनाना एक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है। इसमें केवल प्राकृतिक चीजों का उपयोग किया जाता है, जिससे त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता और यह त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है।

  • 2-3 चुकंदर
  • कॉर्नफ्लोर या अरारोट पाउडर
  • पानी

बनाने की विधि:

  • चुकंदर को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर पानी में उबालें।
  • जब पानी गहरा गुलाबी या लाल हो जाए, तो इसे छान लें।
  • इस पानी को कॉर्नफ्लोर या अरारोट पाउडर में डालकर अच्छे से मिलाएं।
  • इस मिश्रण को सुखाकर पीस लें और छानकर गुलाल तैयार कर लें।
  • हल्दी पाउडर
  • बेसन या कॉर्नफ्लोर

बनाने की विधि:

  1. हल्दी पाउडर को बेसन या कॉर्नफ्लोर में अच्छे से मिलाएं।
  2. इसे सुखाकर महीन छान लें ताकि एकदम मुलायम गुलाल तैयार हो।
  3. हल्दी त्वचा के लिए फायदेमंद होती है, इसलिए यह गुलाल प्राकृतिक और सुरक्षित है।

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  • पालक के पत्ते
  • कॉर्नफ्लोर या अरारोट

बनाने की विधि:

  1. पालक के पत्तों को पानी में उबालें और फिर इसे पीसकर एक गाढ़ा पेस्ट बना लें।
  2. इस पेस्ट को कॉर्नफ्लोर या अरारोट के साथ मिलाकर सुखाएं।
  3. सुखने के बाद इसे पीसकर गुलाल तैयार करें।
  • गुड़हल (हिबिस्कस) के फूल
  • गुलाब के फूल
  • कॉर्नफ्लोर

बनाने की विधि:

  1. गुड़हल और गुलाब के फूलों को छाया में सुखाएं।
  2. जब ये पूरी तरह सूख जाएं, तो इन्हें पीसकर पाउडर बना लें।
  3. इसमें कॉर्नफ्लोर मिलाकर गुलाल तैयार करें।
  • अपराजिता के फूल (ब्लू बटरफ्लाई पी फ्लावर)
  • कॉर्नफ्लोर

बनाने की विधि:

  1. अपराजिता के फूलों को सुखाकर पीस लें।
  2. इसमें कॉर्नफ्लोर मिलाकर गुलाल तैयार करें।

प्राकृतिक गुलाल बनाने के फायदे

रसायन मुक्त: इसमें कोई हानिकारक केमिकल नहीं होता, जिससे त्वचा और आंखों को कोई नुकसान नहीं होता।
पर्यावरण के अनुकूल: ये पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल होते हैं, जिससे पर्यावरण को कोई हानि नहीं होती।
त्वचा के लिए लाभदायक: इसमें उपयोग होने वाली सामग्री जैसे हल्दी, चुकंदर, और फूल, त्वचा को पोषण देते हैं।
बच्चों के लिए सुरक्षित: छोटे बच्चों की कोमल त्वचा पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता।

  • तैयार किए गए गुलाल को किसी सूखे और एयरटाइट कंटेनर में रखें।
  • इसे नमी से बचाएं ताकि यह लंबे समय तक टिके।
  • यदि इसमें खुशबू चाहिए तो इसमें गुलाब जल या एसेंशियल ऑयल मिला सकते हैं।

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निष्कर्ष

प्राकृतिक गुलाल बनाना न सिर्फ आसान है बल्कि यह आपके और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद है। बाजार में मिलने वाले कैमिकल युक्त रंगों की बजाय घर पर बने गुलाल का उपयोग करें और इस होली को सेहतमंद और सुरक्षित बनाएं।

🌿 आप भी इस होली पर अपने दोस्तों और परिवार के साथ प्राकृतिक रंगों का आनंद लें! 🎨✨

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