जबलपुर. BDC NEWS
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में प्रमोशन में आरक्षण की नई नीति को चुनौती देने वाली चार याचिकाओं पर सुनवाई हुई, जिसके बाद अगली तारीख 9 सितंबर तय की गई है। याचिकाकर्ताओं, जिनमें भोपाल की वेटनरी डॉक्टर स्वाति तिवारी भी शामिल हैं, ने सरकार के 2025 के नए नियमों पर सवाल उठाए हैं। उनका तर्क है कि ये नियम 2022 के पुराने नियमों से अलग नहीं हैं और सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति बनाए रखने के आदेश का उल्लंघन करते हैं।
याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा है कि प्रमोशन में आरक्षण तभी दिया जाना चाहिए जब आरक्षित वर्ग का पर्याप्त प्रतिनिधित्व न हो और इससे प्रशासनिक कार्य में कोई बाधा न आए। इसके अलावा, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश का भी उल्लेख किया जिसमें कहा गया था कि अनुसूचित जाति और जनजाति के क्रीमी लेयर वाले कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए।
सुनवाई के दौरान, सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन पक्ष प्रस्तुत करेंगे। सरकार ने उनकी उपस्थिति के लिए कोर्ट से समय मांगा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। कोर्ट ने सरकार से यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि कर्मचारियों के प्रतिनिधित्व से संबंधित जो चार्ट प्रस्तुत किया गया है, वह किस आधार पर बनाया गया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर पी सिंह और सुयश मोहन गुरु ने पैरवी की।