मध्य प्रदेश

Damoh News शिक्षक छात्र के बाल काटता रहा, बच्चे हंसते रहे

निजी स्कूल का मामला… सदमे में छात्र, शिक्षक निलंबित

दमोह रंजीत अहिरवार BDC NEWS
Damoh News दमोह जिले के हटा ब्लॉक के मडियादो गांव में संचालित निजी स्कूल के एक शिक्षक ने शनिवार को स्कूल में कक्षा आठवीं में पढ़ने वाले छात्र के बाल काट दिए। शिक्षक ने ये हरकत अन्य शिक्षक और छात्रों के सामने की है। घटना के बाद से छात्र काफी दुखी हैं और मानसिक तनाव में हैं। उसने खाना पीना भी छोड़ दिया है। वहीं, स्कूल प्रबंधन ने शिक्षक की इस हरकत पर उसे निलंबित कर दिया है।
पीड़ित छात्र ने बताया कि स्कूल में पदस्थ शिक्षक गोकल अहिरवार शनिवार दोपहर कक्षा में आए और कहा कि तुम्हारे बाल बहुत बड़े हैं। इसके बाद उन्होंने ऑफिस से कैंची मंगवाकर मेरे बाल काट दिए। मैंने काफी निवेदन किया। यह भी कहा कि मैं दुकान से बाल कटवा लूंगा, लेकिन उन्होंने कहा कि नहीं मैं ही तुम्हारे बाल कटूंगा। छात्र का यह भी आरोप है कि शिक्षक ने बाल काटने के दौरान उसका एक वीडियो भी बनाया और छात्र को धमकी भी दी है कि यह वीडियो वह सोशल मीडिया पर वायरल कर उसे बदनाम करेंगे। छात्र इस बात से भी दुखी है कि जिस समय उसके बाल काटे जा रहे थे। पूरी क्लास के छात्र उस पर हंस रहे थे।
छात्र के चाचा ने बताया कि भतीजे के पिता यानी मेरे भाई की करीब आठ साल पहले मौत हो चुकी है। उसका भरण पोषण मैं ही करता हूं। मैं चाहता हूं कि मेरा भतीजा पढ़ लिखकर कुछ अच्छा करें, इसलिए मैं उसे निजी स्कूल में पढ़ा रहा हूं। स्कूल से घर आने के बाद मेरा भतीजा एक बाइक सुधारने की दुकान पर जाकर काम करता है, जिससे उसका खर्च निकलता है।
शनिवार शाम भतीजे ने घर आकर बताया कि शिक्षक ने उसके बाल काट दिए और उसे सबके सामने अपमानित किया। मैंने जब स्कूल के संचालक से इसकी शिकायत की तो उन्होंने कहा कि मैं शिक्षक को समझा दूंगा। छात्र के चाचा कहा कि इस घटना के बाद से भतीजा सदमें में है। खाना-पीना भी बंद कर दिया है। वह स्कूल जाने से डर रहा है, आत्महत्या करने जैसी बातें कर रहा है। उन्होंने कहा कि वो शिक्षक के खिलाफ पुलिस में भी शिकायत करेंगे।


शिक्षक को किया निलंबित
मैं घटना के समय स्कूल में नहीं था। स्कूल पहुंचा तो पता चला कि शिक्षक ने एक छात्र के बाल काट दिए हैं। हमने शिक्षक को निलंबित कर दिया है।
शालिगराम उपाध्याय, स्कूल संचालक
गलत मंशा ने नहीं किया

मैंने ऐसा गलत मंशा से नहीं किया है। मैं तो छात्रों को अपने भाई-बहन की तरह ही मानता हूं। जो हुआ उसके लिए खेद जताता हूं।
गोकुल अहिरवार, शिक्षक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *