सुसाइट रोकने का ड्राफ्ट बनाने वाला MP पहला स्टेट
आत्महत्या की रोकथाम रणनीति को लेकर टास्क फोर्स…. रणनीति निर्धारण के लिए उप समितियाँ 2 माह में करेगी प्रस्तुत रिपोर्ट
भोपाल। अजय तिवारी
सुसाइट की बढ़ती घटनाओं को लेकर सरकार चिंतित है… रोकने के जन आंदोलन चलाने का ड्राफ्ट सरकार ने तैयार किया है। हाई लेबल मीटिंग में इसके लिए टास्क फोर्स बनाई गई है। सरकार के एक्शन का ब्योरा मंत्री विश्वास सारंग ने रखा है।
MP में आत्महत्या के मामलों को रोकथाम के लिए रणनीति बनाई गई है। जन-आंदोलन के जरिये रोकथाम के प्रयास किए जाएंगे। सामाजिक संगठनों, शिक्षा संस्थानों, विश्वविद्यालयों, संगठित-असंगठित क्षेत्र तथा उद्योग क्षेत्रों के प्रमुखों को शामिल किया जाएगा।
आत्महत्या की रोकथाम करना एक बड़ी चुनौती है। वर्तमान में समाज के विभिन्न वर्गों में आत्महत्या के प्रकरण बहुत तीव्र गति से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक समस्या को लेकर बहस छिड़ी हुई है, जिसको लेकर समाज के हर वर्ग को ध्यान में रख कर कार्य करना जरूरी है।
आत्महत्या रोकथाम रणनीति का एक विस्तृत डॉक्यूमेंट तैयार करने में इस समस्या के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया जाएगा, जो सामाजिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए आगे आने वाले समय में इसकी रोकथाम के लिए मील का पत्थर साबित होगा। आत्महत्या रोकथाम रणनीति बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बनने जा रहा है।
मनोचिकित्सक टास्क फोर्स में
चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा इस निमित्त एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसमें देश के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक, कानूनी जानकार, समाज के विभिन्न पहलुओं में काम करने वाले विशिष्ट नागरिक शामिल है। आत्महत्या रोकथाम दिवस की पूर्व संध्या पर हुई बैठक में निर्णय किया गया कि आत्महत्या रोकथाम रणनीति के विभिन्न आयामों को उल्लेखित करते हुए उप समितियों का गठन किया जाएगा। यह समितियाँ विभिन्न स्तर पर चर्चा कर अपने विचारों को समाहित करते हुए 2 माह में अपनी रिपोर्ट देगी। इसके संकलन के बाद संपूर्ण दस्तावेज को अंतिम स्वरूप दिया जाएगा।
टो फ्री नंबर किरण
वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा टोल फ्री नम्बर किरण के नाम से जारी किया गया है। आने वाले समय में राज्य सरकार द्वारा भी हेल्प लाइन शुरू की जायेगी। साथ ही संबंधित को कॉउंसलिंग की व्यवस्था और परिजन को प्रशिक्षण भी देने का प्रयास किया जायेगा। व्यक्ति के व्यवहार परिवर्तन का डाटा एनालिसिस कर उस पर काम किया जायेगा।
यह है टास्क फोर्स में
टास्क फोर्स में मुम्बई के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. हरिश शेट्टी, पुणे के डॉ. ऋषिकेश वी. बेहरे, भोपाल के डॉ. सत्कान्त त्रिवेदी, नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. डी विजय कुमार, मालवांचल विश्वविद्यालय के प्रो-वाईस चांसलर डॉ. रामगुलाम राजदान, एम्स के डॉ. विजयेन्द्र सिंह, वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. आर.एन. साहू, एल. एन. यूनिवर्सिटी के डीन डॉ. डी के. सत्पथी, डॉ. राहुल रोकड़े और डॉ. जे.पी. अग्रवाल शामिल है।
अध्यात्मिक गुरुओं का लेंगे साथ
आत्महत्या के खिलाफ धार्मिक उपदेशों से जन-जागृति लायी जा सकती है। जिससे धर्म एवं अध्यात्म को भी रणनीति में जोड़ा जा सकता है। सुझाव दिया गया कि आत्महत्या की रोकथाम के लिए जन-प्रतिनिधियों एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा आत्महत्या की रोकथाम के प्रति जनता में का प्रचार किया जाये। विद्यालय एवं महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं की रोकथाम हेतु काउन्सलर नियुक्त करने का सुझाव भी आया।
जहरीले पदार्थों को बेचने पर कानून
भोपाल के मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकान्त त्रिवेदी ने आत्महत्या में उपयोग किये जाने वाले जहरीले पदार्थ जैसे कीटनाशक दवाएँ सहित विभिन्न विषैले पदार्थों की बिक्री को नियंत्रित करने रणनीति बनाने का सुझाव दिया। मंत्री श्री सारंग ने इस पर अपनी सहमति दी। बैठक में आयुक्त चिकित्सा शिक्षा संजय गोयल, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. जितेन शुक्ला, देश प्रदेश के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।