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सियासी कॉरिडोर में चर्चा…. भाजपा MP में 2023 में बदलेगी चेहरा

भाजपा संसदीय बोर्ड से शिवराज की छुट‌्टी के सियासी कॉरिडोर में कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं…. भाजपा ने एक सप्ताह में प्रदेश में दो नेताओं को अहम जिम्मेदारी से मुक्त किया है… कैलाश विजय वर्गीय से भी बंगाल का प्रभार छीन लिया गया है.

अजय तिवारी
भारतीय जनता पार्टी से बड़े संकेत सामने आए हैं। पार्टी की शक्तिशाली केंद्रीय संसदीय बोर्ड से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को हटाया दिया गया। पार्टी के कदावर नेता और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी बाहर कर दिया है। बीजेपी ने किसी प्रदेश के अपने मुख्यमंत्री को संसदीय बोर्ड में जगह नहीं दी है।

बता दे संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति में एक भी मुख्यमंत्री को जगह नहीं मिली है। 11 सदस्यों वाले नए संसदीय बोर्ड में पहली बार सिख समुदाय से इकबाल सिंह लालपुरा को शामिल किया गया है। बोर्ड में इस बार 6 नए लोगों को जगह दी गई है। बोर्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह, राजनाथ सिंह और पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष, टक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, असम के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सत्यनारायण जटिया, के लक्ष्मण को शामिल किया गया है।

बदलेगा MP में चेहरा ?
प्रदेश के सियासी कॉरिडोर में शिवराज सिंह को हटाए जाने को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। कुछ उनके कद को कम करने वाला फैसला मान रहे हैं, कुछ का कहना है कि संसदीय बोर्ड मे एक भी मुख्यमंत्री न रखने के फैसले से शिवराज बाहर हुए हैं। 2023 में मध्यप्रदेश में चुनाव हैं। उससे पहले बदलाव की शुरूआत हो गई है। एक सप्ताह के अंदर प्रदेश के दो बड़े नेता राष्ट्रीय स्तर के संगठन में जिम्मेदारी से मुक्त किए गए हैं। शिवराज सिंह चौहान को हटाए जाने से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को पश्चिम बंगाल के प्रभारी पद से मुक्त कर दिया गया है। इन बदलावों से यह संकेत मिल रहा है कि 2023 से पहले एमपी में कुछ बड़ा होने वाला है। संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति से शिवराज की छुट‌्टी यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या 2023 में बीजेपी चेहरा बदलने की तैयारी में है?

गड़करी को भारी पड़ गए बोल
गड़करी को केंद्रीय संसदीय बोर्ड बाहर करने के फैसले के सियासी हलकों में कई मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी ने हाल ही में दिए गडकरी के उस बयान पर अपनी नाराजगी जताई है, जिसमें गडकरी ने कहा था- मन करता है राजनीति छोड़ दूं। हालांकि गडकरी इससे पहले भी नेताओं को लेकर बयान दे चुके हैं। राजस्थान की संगोष्ठी में गडकरी ने कहा था- आजकल हर किसी की समस्या है, हर कोई दुखी है, जो मुख्यमंत्री बनते हैं, वो इसलिए परेशान रहते हैं कि पता नहीं कब हटा दिया जाए। विधायक इसलिए दुखी हैं, क्योंकि वो मंत्री नहीं बन पाए। मंत्री इसलिए दुखी हैं, क्योंकि उन्हें अच्छा विभाग नहीं मिला। अच्छे विभाग वाले इसलिए दुखी हैं, क्योंकि वो मुख्यमंत्री नहीं बन पाए।

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