अर्थशास्त्रियों-विशेषज्ञों का विषय “बजट” बना जनता का विषय

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उधार पर सवाल बेमानी …. मापदंडों के हिसाब से लिया ऋण

भोपाल. नरेश तोलानी

” राज्य का बजट और आर्थिक सर्वेक्षण अर्थशास्त्री और विशेषज्ञों का विषय माना जाता है, लेकिन मध्यप्रदेश में राज्य का बजट जनता का विषय भी बनाया गया, जनता के सुझावों को शामिल किया गया। इस साल चार हजार सुझाव मिले, अधिकांश को बजट में शामिल किया गया। अब बजट पर अमल भी जन-भागीदारी के साथ करने के उद्देश्य से आर्थिक सर्वेक्षण और बजट पर जन-संवाद किया गया है।  इसकी चर्चा ग्राम सभाओं में भी होना चाहिए।”

शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री मप्र

अटल बिहारी वाजपेई सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान तथा मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के राजधानी में आयोजित संवाद श्रंखला के पहले कार्यक्रम में शिवराज सिंह बोल रहे थे। इस तरह के संवाद कार्यक्रम प्रदेश के सभी संभागों में होंगे।

ऋण लेने के आरोप पर बोले…. ऋण लेने को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठाए जाते हैं। वास्तविकता यह है कि राज्य सरकार द्वारा ऋण लेने के मापदंडों के अनुसार ही ऋण लिया गया। ऋण और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात वर्ष 2020-21 में 22.6 प्रतिशत रहा, जबकि वर्ष 2005 में यह 39.5 प्रतिशत था। राज्य का पूँजीगत व्यय 23.18 प्रतिशत से बढ़ कर 45 हजार 685 करोड़ हुआ है, जो मध्यप्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक है। मध्यप्रदेश देश के राजस्व बढ़ाने वाले पहले 5 राज्यों में शामिल हैं।

कुशल वित्तीय प्रबंधन…. राज्य का इस वर्ष का बजट कुशल वित्तीय प्रबंधन का परिचायक है। बजट का आकार 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रूपये हो गया है। आत्म-निर्भर भारत के निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए हम सक्रिय हैं। प्रधानमंत्रीके 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थ-व्यवस्था के संकल्प को साकार करने के लिए मध्यप्रदेश 550 बिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था निर्मित कर अपना योगदान देगा।

यह भी कहा शिवराज ने..

  • बजट में सभी क्षेत्रों के लिए पर्याप्त व्यवस्था, सभी का ख्याल रखा गया।
  •  खेल-संस्कृति के विकास और खेलों के लोकव्यापीकरण के लिए खेल का बजट तीन गुना से अधिक बढ़ाया गया है।
  • आध्यात्मिक प्रगति से जुड़ी परियोजनाओं के लिए भी बजट में प्रावधान
  • बढ़ते शहरीकरण को ध्यान में रखना आवश्यक

प्रदेश का बजट केन्द्रीय बजट के उद्देश्यों के अनुरूप है। आर्थिक सर्वेक्षण में सभी क्षेत्र के संबंध में पर्याप्त डाटा उपलब्ध है। राज्य सरकार को आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में सीआईआई हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए सदैव तत्पर है।

सिद्धांत चतुर्वेदी, कन्वेनर सीआईआई

जन-भागीदारी और जन-संवाद प्रदेश के सुशासन की विशेषता है। प्रदेश के बजट और आर्थिक सर्वेक्षण पर जन-संवाद के सकारात्मक परिणाम होंगे।

लोकेश शर्मा, सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान

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