भोपाल

ध्यान रहे…. तो प्राइवेट स्कूलों पर धारा 144 में कार्रवाई होगी

  • भोपाल कलेक्टर में प्रवेश और पुस्तकों की सूची मांगी
  • E-Mail ID deobho-mp@nic.in पर 15 जनवरी 2025 तक

भोपाल. BDC NEWS

भोपाल जिले में चल रहे प्राइवेट स्कूलों को लेकर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह निर्देश जारी किए गए हैं। आदेश कहा गया है कि स्कूलों द्वारा उनके द्वारा बताई गई विशेष दुकान से ही पाठ्य-पुस्तकें, यूनिफार्म तथा अन्य सामग्री क्रय करने के लिये बाध्य किया जाता है। कई स्कूलों में स्वयं स्कूल प्रबंधन द्वारा पुस्तकें एवं यूनिफार्म तथा अन्य सामग्री विक्रय कराई जानें के संबंध में शिकायतें मिलती हैं।

कलेक्टर ने कहा इस तरह की गतिविधियों के कारण इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों एवं उनके अभिभावकों में रोष होने के फलस्वरूप अप्रिय स्थिति एवं तनाव हो सकता है, जिससे कभी भी कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए अशासकीय विद्यालयों / शैक्षणिक संस्थाओं में पुस्तकें एवं यूनीफार्म तथा अन्य सामग्री विक्रय कराई जाने तथा किसी विशेष दुकान से पाठ्य पृस्तकें, यूनीफार्म तथा अन्य सामग्री क्रय करने हेतु बाध्य करने पर अंकुश लगाना जरूरी है। ्र

अशासकीय विद्यालयों के लिये यह अनिवार्य है कि वे आगामी शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पूर्व लेखक एवं प्रकाशक के नाम तथा मूल्य के साथ कक्षावार ‘ पुस्तको की सूची विद्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करें और शाला के विद्यार्थियों को ऐसी सूची मांगने पर उपलब्ध कराई जाना चाहिए ताकि विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकगण इन पुस्तकों को उनकी सुविधा अनुसार खुले बाजार से क्रय कर सके। प्रत्येक स्कूल प्रबंधक / प्राचार्य अपने स्कूल में प्रत्येक कक्षा में लगने वाली पाठ्य पुस्तकों तथा प्रकाशक की जानकारी को वेबसाइट E-Mail ID deobho-mp@nic.in पर 15 जनवरी 2025 तक अनिवार्यत रूप से भेजें। कहार्डकापी जिला शिक्षा अधिकारी जिला भोपाल के कार्यालय में जमा कराएं।

शिक्षण सामग्री पर स्कूल का नाम न हो

किसी भी प्रकार की शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित नही होना चाहिये । विद्यालय के सूचना पटल पर यह भी अंकित किया जावे कि किसी दुकान विशेष से सामग्री क्रय करने की बाध्यता नहीं है | कही से भी पुस्तकें / यूनिफार्म व अन्य आवश्यक सामग्री क्रय की जा सकती है ।
पुस्तकों के अतिरिक्त शालाओं द्वारा यूनीफार्म, टाई, जूते, कापियाँ आदि भी उन्ही की शालाओं से उपलब्ध / विक्रय कराने का प्रयास नही किया जावेगा । विद्यालय के गणवेश में कोई परिवर्तन किया जाता है तो वह आगामी तीन शैक्षणिक सत्रों तक यथावत लागू रहेगा । विद्यालय की स्टेशनरी / यूनिफार्म पर विद्यालय का नाम प्रिन्ट करवाकर दुकानों से क्रय करने अथवा एक विशिष्ट दुकान से यूनिफार्म / पाठ्य पुस्तकें बेचना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।

यह भी दिए निर्देश

  • निजी विद्यालय प्रबंधन, परिवहन सुविधाओं के संबंध में परिवहन विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समय समय पर जारी दिशा निर्देशों का पालन करेगा ।
  • प्रत्येक विद्यालय में कक्षाओं में प्रवेश की प्रक्रिया एवं प्रवेश किस दिनांक से दिनांक तक होगें की सूचना का प्रचार प्रसार करना अनवार्य होगा। जिससे पालकों एवं प्रवेश कराने वाले पालकों तक सूचना प्राप्त हो सकें ।
  • संबंधित क्षेत्र के एसडीएम, एवं जिला शिक्षा अधिकारी इस आदेश का पालन सुनिश्चित करायेंगें ।
  • यह आदेश आम जनता को संबोधित है चूंकि वर्तमान में मेरे समक्ष ऐसी परिस्थितियां नही है और न ही यह संभव है कि इस आदेश की पूर्व सूचना प्रत्येक व्यक्ति / प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान को दी जावें । अतः यह आदेश एक पक्षीय पारित किया जाता है।
  • आदेश से व्यथित व्यक्ति दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (5) के अंतर्गत अधोहस्ताक्षरकर्ता के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा, अत्यंत विशेष परिस्थितियों में अधोहस्ताक्षरकर्ता के संतुष्ट होने पर आवेदक को किसी भी लागू शर्त से छूट दी जा सकेगी।
  • भोपाल डॉट कॉम, डेस्क

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