यूरोलॉजी शिविर: निर्धन ही नहीं, सम्पन्न लोगों शिविर में कराने आने लगे इलाज
सफलता की कहानियाँ
भोपाल. BDC NEWS
सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय, संतनगर के 100वां निःशुल्क यूरोलॉजी शिविर में एक खास बात यह दिखी कि जहाँ पहले अधिकतर निर्धन लोग आते थे, वहीं अब इस शिविर में निर्धन परिवारों के साथ-साथ आयुष्मान कार्ड धारक और आर्थिक रूप से संपन्न लोग भी ऑपरेशन करवाने आ रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड में यूरोलॉजी रोगियों का इलाज होता है, फिर भी रोगी इस शिविर का लाभ उठाते हैं। सेवा सदन में हाल ही में लगे इस यूरोलॉजी शिविर में कुछ लोगों से बातचीत की गई:
अजय भगत की कहानी
अजय भगत, 44 वर्ष, महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में एक स्टील कंपनी में परियोजना प्रबंधक हैं। उन्होंने यहाँ प्रोस्टेट का ऑपरेशन करवाया। उन्होंने बताया कि उनके मामा भोपाल में रहते हैं और उन्होंने उन्हें संतनगर में पिछले 31 वर्षों से चल रहे यूरोलॉजी शिविर के बारे में बताया था। अजय कोल्हापुर से संतनगर शिविर में अपना ऑपरेशन करवाने आए। उन्होंने बताया कि शिविर में आने वाले डॉक्टर बहुत अनुभवी और कुशल यूरोलॉजिस्ट हैं, जिनकी सफलता दर शत-प्रतिशत है। वे कहते हैं, “मैंने शिविर के बारे में बहुत सुना था और यहाँ आकर मुझे पता चला कि यह मेरी उम्मीदों से भी बेहतर है। डॉक्टरों ने मेरा बहुत अच्छे से इलाज किया और मैं अब पूरी तरह से ठीक हूँ।”
चैन कुमारी जैन का अनुभव
संत हिरदाराम नगर निवासी चैन कुमारी जैन, 73 वर्ष, दीपावली की सफाई के दौरान स्टूल से गिर गई थीं। उन्हें बाईं टांग के ऊपर पेट में चोट लगी थी। उसी दौरान उन्होंने एक्स-रे करवाया तो पता चला कि उनकी बाईं टांग के ऊपर पेट की तरफ एक आधा किलो का मांसल विकास है, जिसे फाइब्रॉएड कहते हैं, जो दर्द रहित था। लेकिन चोट लगने के बाद वहाँ दर्द होने लगा। इसके बावजूद, उन्होंने तीन महीने तक दर्द सहा क्योंकि उन्हें पता था कि 3 महीने बाद यहाँ मुफ्त यूरोलॉजी शिविर लगेगा। चैन कुमारी जैन को संत हिरदाराम साहिब जी में बहुत श्रद्धा है। उन्होंने कहा, “मुझे यहाँ के डॉक्टरों पर पूरा भरोसा था और मैं जानती थी कि वे मेरा अच्छे से इलाज करेंगे। यहाँ का स्टाफ भी बहुत मददगार और दयालु है।” उन्होंने आगे कहा कि यहाँ शिविर में किए जाने वाले ऑपरेशन किसी भी पाँच सितारा अस्पताल की तुलना में बेहतर हैं, क्योंकि यहाँ की सेवाएँ और डॉक्टरों का ज्ञान और अनुभव बहुत बेहतर है। चैन कुमारी के ऑपरेशन के जरिए आधा किलो का गोल फाइब्रॉएड निकाला गया। ऑपरेशन के बाद वे बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं और अपनी सामान्य दिनचर्या में वापस आ गई हैं।
खत्री और राठौर की आपबीती
शुजालपुर निवासी देवी लाल खत्री, 65 वर्ष, और सीहोर निवासी दुर्गाशरण राठौर को लंबे समय से प्रोस्टेट (बार-बार पेशाब आना) की समस्या थी। वे मध्यमवर्गीय परिवारों से हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें कुछ समय पहले सेवा सदन में लगने वाले निःशुल्क यूरोलॉजी शिविर के बारे में पता चला था। इसलिए, दोनों मरीजों ने शिविर में सर्जरी करवाने का फैसला किया। उनके पास आयुष्मान कार्ड भी है। इन मरीजों ने कहा कि उनकी सर्जरी यहाँ सफल रही। देवी लाल खत्री ने कहा, “मैं पिछले कई सालों से इस समस्या से जूझ रहा था और अब मैं बहुत राहत महसूस कर रहा हूँ।” दुर्गाशरण राठौर ने शिविर के डॉक्टरों और कर्मचारियों को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने उनकी बहुत अच्छी देखभाल की।
खालिद खान की कहानी
शुजालपुर निवासी खालिद खान, 52 वर्ष, एक मजदूर थे, लेकिन उन्होंने पिछले 5 वर्षों से पथरी के दर्द के कारण यह काम छोड़ दिया था। वह लंबे समय से पथरी की बीमारी से पीड़ित थे। उन्होंने बताया कि उन्हें सेवा सदन में लगने वाले निःशुल्क यूरोलॉजी शिविर के बारे में पता चला था। उनके पास आयुष्मान कार्ड भी है, फिर भी उन्हें सेवा सदन पर भरोसा है कि उनका इलाज यहाँ ठीक से होगा। शिविर में उनकी पथरी का सफल ऑपरेशन हुआ, जिसके बाद उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। खालिद खान ने कहा, “मैं बहुत गरीब हूँ और मेरे पास महंगे इलाज के लिए पैसे नहीं थे। यह शिविर मेरे लिए एक आशीर्वाद था और मैं सेवा सदन का हमेशा आभारी रहूँगा।”
शिविर में किए गए ऑपरेशन
शिविर में कई तरह की यूरोलॉजी संबंधी समस्याओं के लिए ऑपरेशन किए गए।
- पथरी: 18
- प्रोस्टेट: 14
- हाइड्रोसिल: 02
- सिस्टोस्कोपी और डीवीआईयू: 8
- ब्लैडर स्टोन और यूरेथ्रल स्ट्रक्चर: 3
- खतना: 4
- हर्निया: 18
- लैप चोल: 2
- अन्य ऑपरेशन: 01
सेवा सदन में आयोजित यूरोलॉजी शिविर न केवल निर्धन लोगों के लिए बल्कि आयुष्मान कार्ड धारकों और आर्थिक रूप से संपन्न लोगों के लिए भी एक बड़ी सफलता है। शिविर में प्रदान की जाने वाली उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवा और अनुभवी डॉक्टरों की उपस्थिति के कारण, यह शिविर सभी रोगियों के लिए एक विश्वसनीय विकल्प बन गया है। शिविर ने कई लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य प्रदान किया है।
भोपाल डॉट कॉम, संतनगर ब्यूरो