संतनगर Update

संतनगर में कोविड केयर सेंटर की अपार संभावना

– आधा दर्जन से अधिक स्थानों का हो सकता है इस्तेमाल
– सेवा करने को आतुर है सेवाधारी और समाजसेवी

हिरदाराम नगर।
संतनगर में कोविड केयर सेंटर के लिए जगह की कोई कमी नहीं। सिविल अस्पताल को कोविड सेंटर बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन केयर सेंटर के लिए आधा दर्जन से अधिक जगह हैं, जहां केयर सेंटर तैयार किए जा सकते हैं। होम आइसोलेशन की व्यवस्था न होने पर कोविड मरीजों की सेवा की जा सकती है। सेवाधारियों की कमी तो होने का सवाल ही नहीं उठता, संत हिरदारामजी की नगरी है संतनगर। चलो बात करते हैं कोविड सेंटर की संभावनाओं वाली जगहों की।
यहां बन जाएंगे केयर सेंटर

  •  निरंकारी मिशन सत्संग भवन को कोविड सेंटर में कभी भी तब्दील किया जा सकता है, क्योंकि मिशन ने देशभर के अपने सत्संग भवनों को देने का प्रस्ताव दिया है।
  •  नवयुवक सभा भवन भी कोविड केयर सेंटर बनाया जा सकता है। यह भी समाजसेवी संस्था की जगह है। नवयुवक सभा का वन ट्री हिल्स स्थित संत हिरदाराम भवन भी उपयोग में लाया जा सकता है।
  •  थद्धाराम कम्युनिटी हॉल सरकारी प्रापर्टी है, इसका इस्तेमाल भी केयर सेंटर के तौर पर किया जा सकता है। यह जगह शादी ब्याह व अन्य आयोजनों के लिए है, जो इन दिनों नहीं हो रहे हैं।
  •  नगर निगम जोन कार्यालय में केयर सेंटर बनाया जा सकता है।
  •  इसके अलावा कई धर्मशालाएं हैं, जो कोविड मरीजों के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।

चिकित्सकीय निगरानी संभव
सिविल अस्पताल को कोविड सेंटर बनाने की मांग को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और विधायक रामेश्वर शर्मा दौरा कर चुके हैं। चिकित्सकीय संसाधनों की समीक्षा करने के बाद स्वास्थ्य विभाग कभी भी फैसला ले सकता है। वैसे अस्पताल से टेस्टिंग का काम चल रहा है। जरूरत पड़ने पर कोविड केयर सेंटर में चिकित्सकीय निगरानी सिविल अस्पताल और सेवाभावी चिकित्सा संस्थान के लोग निभाने से कभी मना नहीं करेंगे। संतनगर के डॉक्टर अपने सेवाभावना की मिसाल दे चुके हैं। बीते दिनों कई बार ट्रेनों में जाकर यात्रियों को इलाज किया गया है।

भोजन की व्यवस्था हो जाएगी
कोविड केयर सेंटरों में भोजन की कोई समस्या नहीं है, क्योंकि संतजी की नगरी में सेवाधारियों और सामाजिक संस्थाओं की कमी नहीं है। दानदाताओं की भी कमी नहीं है। संतनगर की सेवा भावना तो सात समुंदर पार से समाजसेवियों को सेवा के लिए प्रेरित करती है। खाना-पानी की व्यवस्था बेहद आसान होगी।

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