त्रिलोक को भारी पड़ा कहना, जानिए क्या कहा, उलझ गए वर्तमान और पूर्व
थोक वस्त्र व्यवसाय संघ की बैठक में हंगामा
हिरदाराम नगर। रवि नाथानी
थोक वस्त्र व्यवसाय संघ के मौजूदा अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद कार्यकाल अवधि बढ़ाने को लेकर बुलाई गई बैठक विवाद की भेंट चढ़ गई। पूर्व अध्यक्ष त्रिलोक दीपानी के कार्यवाहक अध्यक्ष की नियुक्ति करने की मांग पर मौजूदा अध्यक्ष और दो पूर्व अध्यक्षों उनसे भिड़ गए और नौबत हाथ पाई तक आ गई। हालांकि अब बहस होने की बात कही जा रही है।
संतनगर के कपड़ा व्यापारियों की प्रतिनिधि संस्था थोक कपड़ा व्यवसाय संघ में टकराव के हालात बन गए हैं। कन्हैयालाल इसरानी के अध्यक्ष वाली कार्यसमिति का कार्यकाल सितंबर में खत्म हो गया है, जिसे बढ़ाए जाने की कोशिश को शनिवार को हुई बैठक में झटका लगा है। बताया जाता है कि बैठक में पूर्व अध्यक्ष त्रिलोक दीपानी ने अपने कार्यकाल का हवाला देते कार्यवाहक अध्यक्ष बनाने की मांग की। साथ ही कार्यकाल खत्म होने के बाद अध्यक्ष कन्हैया इसरानी के खर्च करने के तौर तरीकों पर सवाल उठाया। दीपानी जब यह बात कह रहे थे, तभी पूर्व अध्यक्ष रमेश जनियानी और वासदेव वाधवानी बिफर गए। मौजूदा महासचिव दिनेश वाधवानी और अध्यक्ष कन्हैयालाल इसरानी मंच से उतरकर बहस करने लगे। नौबत हाथा पाई तक आ गई, विवाद के चलते दीपानी बैठक का बहिष्कार करके चले गए। बाद में उन्हें जैसे-तैस कर वापस बुलाया गया, लेकिन उसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ और जमकर बहस हुई। दीपानी ने संघ के भाजपाइकरण का आरोप लगाया।
तीखी बहस हुई है
विवाद की खबर बाहर आते ही डैमेज कंट्रोल की कोशिशें तेज हुईं। दीपानी ने पूरा मामला बताया, लेकिन हाथपाई होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि मैंने बैठक में व्यवस्था का सवाल उठाया था, जिसे लेकर बहस हुई है। यह बात सही मैंने अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने पर कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त करने सवाल उठाया था और जिसे लेकर नाराजगी सामने आई थी।
बहस हुई, धक्का मुक्की नहीं
मामले में संघ के अध्यक्ष कन्हैया इसरानी ने कहा कि बैठक में बातचीत होती है और वहीं हुआ था। जनवरी में होने वाली अगली बैठक में फैसला हो जाएगा। इसरानी ने भी बहस के दौरान किसी तरह की धक्का मुक्की से इनकार किया है। इसरानी ने कहा बैठक में बातचीत होती है, बातचीत जैसी बात है। अनावश्यक मामले को तूल दिया जा रहा है।
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टकराव तो विचारधारा का है
दरअसल कपड़ा व्यापारी संघ में भाजपा और कांग्रेस नेताओं की भरमार है, इसलिए विचारधारा का टकराव भी सामने आता रहता है। कभी कमान भाजपा विचारधारा के हाथ में रही है कभी कांग्रेस नेता के। हालांकि लंबे समय से संघ पर भाजपा की सोच वाले अध्यक्ष रहे हैं। इससे पहले भाजपा के मंडल अध्यक्ष रहे चन्द्र प्रकाश इसरानी संघ के अध्यक्ष रहे, उनके बाद उनके छोटे भाई कन्हैयालाल इसरानी के हाथ में कमान रही।