पूज्य सिंधी पंचायत: ‘मुखी’ का फैसला… संविधान, साधारण सभा और चर्चा
अजय तिवारी
Sindhi Panchayat : पूज्य सिंधी पंचायत, संतनगर के ‘मुखी’ का फैसला होने वाला है। संविधान सम्मत (कार्यवाहक) एक फैसले के साथ आगे न बढ़ते हुए। तीन पदों को प्रभावित करने का मन बनाया जा चुका है। संविधान क्या कहता है, इसे लेकर कई तरह की बातें समाने आ रही हैं। कहा जा रहा है, पंचायत को बचा हुआ कार्यकाल कार्यवाहक अध्यक्ष के साथ पूरा करना चाहिए, ऐसा पहले भी हुआ है। लेकिन, बड़ी लॉबी इस पक्ष में है कि साबूमल रीझवानी की जगह अनुभवी को पद (अध्यक्ष) पर बिठाने का फैसला लिया जाना चाहिए। पंचायत सिंधी समाज की प्रतिनिधि संस्था मुखी का पर अहम होना चाहिए। ऐसा व्यक्ति मुखी होना चाहिए, जो पूर्णकालीक हो।
पूज्य सिंधी पंचायत संतनगर के अध्यक्ष को लेकर अंदरखाने में बहुत कुछ चल रहा है। फिलहाल नए अध्यक्ष बनने तक कुर्सी पर भरत आसवानी (वरिष्ठ उपाध्यक्ष) बैठे हुए हैं। 20 जुलाई को साधारण सभा के लिए समीकरण तय हो चुके हैं। समीकरण के हिसाब से फैसला हो इसके लिए प्रयास भी हो रहे हैं।
माधु को प्रमोशन होगा
चर्चा है चुनाव में निर्विरोध महासचिव बने माधु चांदवानी का प्रमोशन हो सकता है। उनकी खाली जगह पर कौन होगा, चुने नुमाइंदों में से कोई होगा या बाहर से एंट्री होगी, इसे लेकर संविधानिक व्यवस्था क्या है, इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। बकौल चांदवानी अध्यक्ष को लेकर साधारण सभा में फैसला होगा। इसके बाद बाकी फैसले लेने के अधिकार अध्यक्ष के पास रहेंगे।
सभी फैसले साधारण सभा में हों
संस्था के सदस्यों का कहना है सभी फैसले साधारण में ही होना चाहिए। साधारण सभा में माधु चांदवानी को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पदाधिकारियों ने लगभग आम राय से भेजा हो, लेकिन सभा में खाली होने वाले महासचिव के पद पर कौन होगा। चुने हुए पदाधिकारियों में से कोई महासचिव बनेगा तो उसकी जगह किस तरह भरी जाएगी। इसका प्रस्ताव भी पंचायत पदाधिकारियों को चर्चा कर तैयार कर लेना चाहिए।
प्रस्ताव यूं ही पास नहीं हुआ
फिलहाल मसले पर जो भी हो रहा है वह अंदरखाने में हो रहा है। कहा जा रहा है पदाधिकारियों के बीच माधु चांदवानी के नाम के प्रस्ताव से पहले माहौल बना लिया गया था। माधु चांदवानी, साबू के कार्यकाल में भी उनकी तरह काम कर रहे थे। लोगों तक शोक संदेश भेजने का दायित्व हो, निधन पर पंचायत की ओर से विश्रामघाट पहुंच कर शोक संवेदना व्यक्त करने का काम हो या पगड़ी रस्म को लेकर वह निभा रहे थे और निभा रहे हैं।