बिल्ली और चूहे की मजेदार कहानी – टिल्लू और चिम्मू की धमाचौकड़ी

बिल्ली और चूहे की मजेदार कहानी – टिल्लू और चिम्मू की धमाचौकड़ी

टिल्लू बिल्ली और चिम्मू चूहे की धमाचौकड़ी

किसी शहर में एक शरारती बिल्ली टिल्लू और एक चालाक चूहा चिम्मू रहते थे। टिल्लू को चिम्मू को पकड़ने की बड़ी तमन्ना थी, लेकिन चिम्मू हमेशा उसकी चालों को नाकाम कर देता था।

🎭 शरारत की शुरुआत

एक दिन टिल्लू ने सोचा, “अब बहुत हुआ! इस चिम्मू को पकड़ने के लिए कुछ नया करना होगा।”

टिल्लू ने एक कटोरे में दूध रख दिया और पास में ही छुपकर बैठ गया।

चिम्मू ने देखा कि मुफ्त का दूध रखा हुआ है! वह खुश होकर बोला, “आज तो मज़ा आ जाएगा!” लेकिन उसकी छठी इंद्रिय जाग गई और उसने गौर से देखा – कटोरे के पीछे टिल्लू की पूंछ दिख रही थी!

चिम्मू ने चालाकी से कहा,
“अरे, टिल्लू भाई, दूध में ज़हर तो नहीं है?”

टिल्लू जल्दी से बोला,
“अबे बेवकूफ! मैं तुम्हें बेवकूफ नहीं बना रहा!”

चिम्मू हंसा और बोला, “सही पकड़े हैं!” और वह तुरंत दूध की जगह टिल्लू की पूंछ पकड़कर खींचने लगा।

टिल्लू दर्द से चिल्लाया, “बचाओ! बचाओ!”

चिम्मू मजे से भाग गया और बोला,
“अबे बिल्ली हो या आलू? इतना आलसी क्यों है?”

😂 चिम्मू की नई चाल

अगले दिन, चिम्मू ने एक नकली चूहा बनाया और उसे घर के कोने में रख दिया।

टिल्लू ने देखा और सोचा, “आज तो चिम्मू पकड़ा गया!”

टिल्लू चुपचाप दौड़ा और नकली चूहे पर झपटा! धड़ाम! वह सीधे ट्रैप में जा गिरा।

चिम्मू हंसते हुए बोला,
“अरे टिल्लू भाई, चूहा पकड़ने चले थे, खुद ही फंस गए!”

टिल्लू गुस्से से बोला, “रुको, मैं तुम्हें छोड़ूंगा नहीं!”

🤦‍♂️ बिल्ली की आखिरी चाल

टिल्लू को एक नया आइडिया आया। उसने एक बड़ी किताब उठाई और चिम्मू के बिल के पास रख दी।

टिल्लू: “अब चिम्मू निकलेगा, और मैं इस किताब से उसे चपटा कर दूंगा!”

चिम्मू ने किताब देखी और सोचा, “टिल्लू जितना ताकतवर नहीं, उतना ही बेवकूफ भी है!”

चिम्मू ने धीरे से किताब पर रस्सी बांध दी और उसे पीछे खींचने लगा।

टिल्लू को लगा कि किताब खुद-ब-खुद हिल रही है! वह डरकर भागा और चिल्लाया, “भूत! भूत!”

चिम्मू ज़ोर से हंसा और बोला, “टिल्लू भाई, तुमसे तो भूत भी डर जाए!”

🎉 मजेदार अंत

टिल्लू गुस्से से पागल हो गया, लेकिन उसे समझ आ गया कि चिम्मू को पकड़ना आसान नहीं है।

उसने चिम्मू से कहा,
“अबे, तू बहुत तेज़ है, चल दोस्ती कर लें!”

चिम्मू बोला, “ठीक है, लेकिन एक शर्त पर – मुझे रोज़ाना दूध मिलेगा!”

टिल्लू ने हंसकर कहा, “अरे मैं तुम्हें पूरा घर घुमाऊंगा, लेकिन ज़रा धीरे-धीरे शरारतें करना!”

और फिर दोनों अच्छे दोस्त बन गए, लेकिन शरारतें कभी खत्म नहीं हुईं!


📜 कहानी से सीख (Moral of the Story)

बुद्धि ताकत से ज्यादा महत्वपूर्ण होती है।
मस्ती और शरारतें ज़रूरी हैं, लेकिन दोस्ती सबसे ऊपर होती है।
हंसी और मज़ाक से ज़िंदगी मज़ेदार बनती है!


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