दोस्ती की ताकत – एक खरगोश और कछुए की अनोखी कहानी
एक खरगोश और कछुए की अनोखी कहानी
बच्चों की कहानियाँ
1. जंगल में दो दोस्त
बहुत समय पहले की बात है। एक हरा-भरा जंगल था जहाँ कई जानवर रहते थे। उसी जंगल में एक तेज़ दौड़ने वाला खरगोश और एक धीमे चलने वाला कछुआ रहते थे। वे दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे।
2. खरगोश की शरारत
खरगोश बहुत तेज़ दौड़ सकता था, इसलिए वह हमेशा कछुए को चिढ़ाया करता, “अरे कछुए, तुम तो बहुत धीरे चलते हो! अगर कभी खतरा आया, तो तुम बच नहीं पाओगे।” कछुआ मुस्कुराता और कहता, “गति से ज्यादा समझदारी जरूरी होती है।”
3. जंगल में आया खतरा
एक दिन जंगल में एक शिकारी आया। उसने देखा कि खरगोश बहुत तेज़ दौड़ता है और कछुआ बहुत धीरे। उसने सोचा, “खरगोश को पकड़ना मुश्किल होगा, लेकिन कछुआ आसानी से फंस सकता है।” उसने कछुए को पकड़ने की योजना बनाई।
4. दोस्ती ने बचाई जान
खरगोश ने शिकारी को दूर से देख लिया। उसने जल्दी से कछुए को चेतावनी दी और कहा, “मुझे तुम्हारी मदद करनी होगी!” कछुए ने कहा, “मेरे पास एक योजना है।” खरगोश ने कछुए को अपनी पीठ पर बैठाया और तेजी से भागकर उसे एक गुफा में सुरक्षित छोड़ दिया।
5. सीख – दोस्ती की ताकत
शिकारी ने जब देखा कि दोनों मिलकर उसकी योजना को असफल कर चुके हैं, तो वह निराश होकर लौट गया। खरगोश ने कछुए से कहा, “आज मैंने समझा कि गति से ज्यादा बुद्धिमानी और दोस्ती की ताकत काम आती है।”
शिक्षा: इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि दोस्ती सच्ची हो तो किसी भी मुश्किल को हराया जा सकता है।
Kids love this story and I have shared with lots of parents. Keep it up.