जियो-एयरटेल के स्पेसएक्स से हाथ मिलाना ‘ट्रंप का दबाव’ तो नहीं!
नई दिल्ली: BDC NEWS बिजनेस डेस्क
कभी भारत सरकार से एलन मस्क की कंपनी स्पेशएक्स के भारत में प्रवेश को रोकने पर जोर देने वाली रिलायंस जियो और एयरटेल ने अब स्पेसएक्स से हाथ मिला लिया है। ये करार भारत में स्टारलिंक की ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा लाने के लिए हुए हैं। देखा जाए मुकेश अंबानी की जियो और सुनील मित्तल की एयरटेल स्पेसएक्स की कारोबारी प्रतिद्वंदी कंपनियां हैं। माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एलन मस्क को समर्थन और दबाव के कारण यह हुआ है।
स्पेसएक्स एलन मस्क की कंपनी है। यह स्टारलिंक के जरिये सैटेलाइट इंटरनेट सेवा देती है। जियो और एयरटेल जैसी भारतीय टेलीकॉम कंपनियां भी ब्रॉडबैंड सेवाएं देती हैं। स्पेसएक्स के आने से बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। अमेरिका में ट्रंप सरकार आने के बाद से ग्लोबल स्तर पर समीकरण बदल रहे हैं। एलन मस्क भारत में स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस और टेस्ला कार लाने वाले हैं।
रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया (Vi) जैसी भारतीय टेलीकॉम कंपनियों ने पहले स्टारलिंक का विरोध किया था। लेकिन, बदलते माहौल को देखते हुए उन्होंने अपने रुख में बदलाव कर लिया। भारतीय टेलीकॉम कंपनियों जियो, एयरटेल और वीआई ने सरकार से स्टारलिंक को मिलने वाले लाइसेंस और स्पेक्ट्रम आवंटन को देखते हुए सैटकॉम सेक्टर में बराबरी का मंच सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था। इस पर मस्क ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी थी। मस्क ने कहा था कि… ‘निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की बहुत सराहना की जाएगी।
दो बड़े समझौतों का ऐलान
रिलायंस जियो ने ऐलान किया कि वह एलन मस्क की SpaceX स्टारलिंक इंटरनेट सेवा भारत लाएगी। भारती एयरटेल ने भी एक दिन पहले ऐसा ही समझौता किया था। दोनों कंपनियों को सेवा शुरू करने के लिए सरकारी मंजूरी चाहिए। जियो अपने स्टोर्स और ऑनलाइन स्टारलिंक उपकरण बेचेगी। इंस्टॉलेशन में भी मदद करेगी। एयरटेल ने भी कुछ-कुछ यही बातें कहीं हैं।