मध्य प्रदेशमेरी कलम

कबीना मंत्री भी कह रहे शराबबंदी संभव नहीं

क्या मध्यप्रदेश में शराबबंदी संभव है यह यक्ष प्रश्न राजनीति के साथ सत्ता के गलियारों में भी पूछा जा रहा है? लेकिन राज्य सरकार के एक कबीना मंत्री के विचारों में मध्य प्रदेश में शराबबंदी संभव नहीं है। हां, कुछ स्थानों पर 2-5 किलोमीटर के दायरे में इसको लागू किया जा सकता है। मंत्री ने एक अनौपचारिक बैठक में यह बात करते हुये इसके उदाहरण दो तरीके से दिये। मंत्री ने आश्चर्य जताते हुये बताया कि वह महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान ड्यूटी लगने पर वह एक विधानसभा क्षेत्र में लंबे प्रवास पर रहे तो वहां पर कार्यकर्ताओं की सर्वाधिक माँग शराब को लेकर थी जबकि मंत्री की जहां ड्यूटी लगी थी वहाँ पर महात्मा गांधी जी ने सेवा आश्रम चलाया। वही कैबिनेट मंत्री ने इसको लेकर गुजरात का भी उदाहरण दिया। मालूम हो कि शिवराज सरकार ने प्रदेश के कुछ धार्मिक स्थानो व नर्मदा नदी के 5 किलोमीटर के दायरे में शराबबंदी पूर्व से ही लागू की थी वही डॉक्टर मोहन यादव की सरकार भी इसी नक्शे कदम पर है।

यूनियन कार्बाइड के पीथमपुर में कचरा जलाए जाने को लेकर प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया मुख्य सचिव अनुराग जैन ने जिस तरीके से इस मसले को डील किया इससे उनकी प्रशासनिक कुशलता का लोहा माना जा रही है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों के साथ कई मीटिंग में यहां तक कहा कि दो बार टेस्टिंग होने के बाद भी यदि एक परसेंट भी कचरे के जलने से स्थानीय स्तर पर किसी तरह का नुकसान सामने आता है तो कचरे का निष्पादन नहीं किया जाएगा। अन्ततः मुख्य सचिव ने मोर्चा संभाला और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोगों की कुशंकाओं को दूर करने का प्रयास भी किया। मुख्य सचिव ने स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान व्यापक तौर पर चलाकर लोगों को समझाने की हिदायत अफसरो को दी। इसका असर सामने आ रहा है और विरोध भी धीरे-धीरे कम हो रहा है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव की वजह से मध्य प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन टलता जा रहा है। अब प्रदेश को नया अध्यक्ष फरवरी के दूसरे पखवाड़े में मिलने की उम्मीद है। सूत्र बताते हैं कि दिल्ली चुनाव के चलते केंद्रीय शीर्ष नेतृत्व व्यस्त है। इस कारण संगठन के चुनाव पर भी आगे बढ़ाना पड़ रहे है। दिल्ली चुनाव से पहले मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के भोपाल आने की कोई संभावना नहीं है। दिल्ली चुनाव के बाद ही प्रधान भोपाल आ सकते हैं। रायशुमारी के बाद फरवरी के दूसरे पखवाड़ा में प्रदेश का नया अध्यक्ष का नाम सामने आ जाएगा।वहीं फरवरी के अंत तक पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा।

राज्य सरकार के एक आयोग में नियुक्त किए गए मुखिया को बधाई देने आयोग के सचिव डेम पर ही पहुंच गए। दरअसल हुआ यह कि आयोग में मुखिया की नियुक्ति का आदेश देर शाम को हुआ। सचिव महोदय को नवनियुक्त मुखिया की दिनचर्या का भली भांति ज्ञान था तो वह बधाई देने बिना समय गवांये डेम पर ही पहुंच गए। बधाई के साथ सचिव ने गुलदस्ता भी मुखिया को भेंट किया।

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