भोपाल

कांग्रेस ठहरी परिवार की समर्थक, कैसे बनवाती बाबा साहब का स्मारक’ – रामेश्वर

हाइलाइट्स

  • गृहमंत्री अमित शाह के वीडियो को क्रॉप करने का मामला
  • विधायक रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेसियों को लिया आड़े हाथ
  • “क्लिप-कटुआ-कांग्रेसी गैंग” की करतूत

भोपाल। BDC NEWS

राज्यसभा में देश के गृहमंत्री अमित शाह के वीडियो को क्रॉप करके चलाने के मामले में भोपाल की हुजूर विधानसभा के विधायक रामेश्वर शर्मा का बयान सामने आया है। विधायक ने कांग्रेसियों पर तीखा प्रहार कर आड़े हाथों लिया।

उन्होंने कहा कि – कल अमित शाह जी के वीडियो को “क्लिप-कटुआ-कांग्रेसी गैंग” ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया और आज उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष देशभर में आग लगाने की बात कर रहे हैं। उनकी जैसी समर्थित मानसिकता है, काम भी वैसे ही करेंगे। काट-छांट करने में माहिर कांग्रेसी, अंबेडकर जी के प्रति दिखावा कर अपने राजनीतिक पुरखों के पाप छुपाना चाहते हैं। सच तो ये हैं कि कांग्रेसी पुरखों ने कभी बाबा साहब को सम्मान नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि – ये वही कांग्रेस है जिसने बाबासाहब को दो बार आमचुनाव हरवाया, संसद में बाबासाहब की तस्वीर लगाने का विरोध किया, बाबासाहब के मरणोपरांत 33 साल तक उन्हें भारत रत्न नहीं दिया।

कांग्रेस ने उनके लिए किया ही क्या है, वह तो केवल बाबा साहब को लेकर दिखावा करती रही। सच तो ये है कि पंडित नेहरू की मृत्यु हुई 1964 में लेकिन उन्हें भारत रत्न 1955 में ही दे दिया गया, इंदिरा गांधी जी की मृत्यु 1984 में हुई और उन्हें 1971 में भारत रत्न दे दिया गया, राजीव गांधी की मृत्यु 1991 में हुई और उन्हें 1991 में ही भारत रत्न दे दिया गया। लेकिन बाबासाहब डॉ भीमराव अंबेडकर जी की मृत्यु 1956 में हुई लेकिन 1990 के पहले तक कांग्रेस ने उनकी सुध तक नहीं ली।जबकि 1990 में भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी जी की पहल पर बाबा साहेब को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी कि बाबासाहब दलितों के नेतृत्वकर्ता के तौर पर प्रचारित हो। यही कारण था कि कांग्रेस ने उन्हें दो बार लोकसभा चुनावों में हरवाने की साजिश रची थी। बाबा साहेब ने आजादी के बाद 1952 में हुए पहले आम चुनाव में अनुसूचित जाति संघ के टिकट पर उत्तरी मुंबई से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार नारायण काजोलोलर ने हराया था। 1954 में भंडारा में हुए लोकसभा उप चुनाव में एक बार फिर अम्बेडकर जी लोकसभा का चुनाव लड़े, लेकिन इस बार भी अम्बेडकर जी को कांग्रेस की साजिश का शिकार होना पड़ा था।

बाबा साहेब का अपमान करने को लेकर कांग्रेस पार्टी कुछ अधिक ही उत्सुक रहती थी। जिस व्यक्ति को संविधान निर्माता कहा जाता है उन्हीं की कोई तस्वीर संसद के केंद्रीय कक्ष में नहीं थी। कांग्रेस ने दीवार पर जगह नहीं होने का हवाला देकर तस्वीर लगाने की मांग को हमेशा खारिज किया। 1989 में जब भारतीय जनता पार्टी की समर्थित राष्ट्रीय मोर्चा सरकार बनी तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी और लालकृष्ण आडवाणी जी ने पहल कर संसद के केंद्रीय कक्ष में बाबा साहेब का चित्र शामिल कराया था।

उन्होंने आगे कहा कि – अगर कांग्रेसी इतने बाबासाहब के सच्चे हितैषी हैं तो बताएं कि उन्होंने कभी बाबा साहेब का कोई राष्ट्रीय स्मारक क्यों नहीं बनाया?

भाजपा सरकार ने उनके जन्म स्थान महू में बाबा साहेब का राष्ट्रीय स्मारक बनवाया। इसके साथ ही श्री नरेन्द्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री बने जिन्होंने, महू जाकर बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी। भारतीय जनता पार्टी ने तो बाबासाहब के जीवन से जुड़े पांच प्रमुख स्थलों को ‘पंचतीर्थ’ घोषित कर उनके संरक्षण का अद्वितीय निर्णय है। महू में स्मारक, नागपुर में दीक्षा स्थल पर स्मारक, चैतन्य भूमि में स्मारक, जनपथ में अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर, अलीपुर रोड पर अम्बेडकर मेमोरियल। लेकिन कांग्रेस ने क्या किया? कांग्रेस केवल बाबा साहब के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकती रही, आज भी उनके लिए कांग्रेसियों के दिलों में कोई सम्मान नहीं है, वो बस वोट बैंक की राजनीति के लिए बाबासाहब का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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