भोपाल

हुजूर पुराण…पैर पकड़े, नाम वापस हुआ तो निकल पड़े आंसू

डागा ने चुनावी रण छोड़ दिया है.. कह रहे हैं कांग्रेस के लिए काम करेंगे.. जब मनाने में कसर नहीं रही तो मान गया.. सवाल यह है.. कितनी निष्ठा से काम करेंगे डागा… उत्तर यह रहा.. आने वाला वक्त बताएगा

भोपाल. भोपाल डॉट कॉम
नामांकन वापसी के अंतिम दिन जितेन्द्र डागा ने नाम वापस लेकर कांग्रेस की मुश्किल आसान कर दी। मैदान में उतरने से कदम पीछे खींचने तक बहुत कुछ घटा है। लेकिन जो तस्वीर बनी है, उसकी शुरूआत ‘चरण वंदन’ से हुई और ‘आंसू प्रवाहित’ होने के साथ खत्म हुई।
नाम वापसी के एक दिन पहले हुजूर में सियासी जोड़ तोड़ के दृश्य सामने आए। डागा के निशाने पर रहने वाले और डागा को पसंद न करने वाले रामेश्वर न केवल एक-दूसरे मिले, बल्कि चाय पर चर्चा भी की। दोपहर घुर विरोधियों की मुलाकात के बाद कांग्रेस के नरेश ज्ञानचंदानी सक्रिय हुए, डागा के घर पहुंचे। पैर छूकर आशीर्वाद लिया और लेकर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के बंगले पर लेकर पहुंचे। डागा ने अपने मन की भड़ास निकाली। कह कर आए अभी कुछ नहीं कल फैसला लूंगा।
नाम वापसी के अंतिम दिन दो नवंबर को डाग पीछे के गेट से कलेक्टोरेट पहुंचे। सामने के गेट पर नरेश ज्ञानचंदानी उनका इंतजार करते रहे। बाहर आकर डागा ने ज्ञानचंदानी से मुलाकात की। मुस्कराते हुए उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं।

दोनों तरस रहे थे
डागा बीडीसी न्यूज से बोले- मैं कांग्रेस का समर्पित कार्यकर्ता हूं। नाम वापसी के लिए मुझ से दिल्ली से लेकर प्रदेश के कई नेताओं ने संपर्क किया। इसलिए मैंने नाम वापस ले लिया है। रामेश्वर से हुई मुलाकात पर डागा ने कहा- वे भी तरस रहे थे। यह भी तरस रहे थे। नरेश काप्रचार करने के सवाल पर डागा ने सियासी जवाब दिया- कहा, जब नाम वापस लिया है तो प्रचार भी करूंगा। नाम वापसी के बाद डागा और ज्ञानचंदानी का भरत मिलाप हुआ। ज्ञानचंदानी की आंखों से आंसू छलक आए। डागा ने उनके आंसू पोंछे और कहा कि चिंता मत करो, मैं आपके साथ हूं।

आ गई चेहरे पर खुशी….

बड़े भाई हैं डागा: नरेश
ज्ञानचंदानी ने डागा के नाम वापस लेने के बाद कहा- बड़े भाई हैं, मैंने आज तक जो कुछ भी पाया है झुककर पाया है। चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया है। वह पहले भी मेरे साथ थे, आगे भी बड़े भाई की तरह साथ रहेंगे। हुजूर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी राहुल मारन ने भी नामांकन वापस ले लिया है।

हुजूर में अब क्या बनेगी तस्वीर..
नाम वापसी के बाद हुजूर विधानसभा सीट पर मुकाबले की तस्वीर भाजपा के बीच सीधी हो गई है। भाजपा के लिए अभेद सीट है हुजूर विधानसभा। यहां से दो बार के विधायक रामेश्वर शर्मा तीसरी बार भाजपा का चेहरा हैं। कांग्रेस ने बीते चुनाव में खेत रहे नरेश ज्ञानचंदानी उनके सामने हैं, जिनका पिछले चुनाव में जीत का अंतर 15 हजार वोटों का था। 2013 में रामेश्वर 50 हजार क अंतर से जीते थे। 2018 के चुनाव में एक बयान के चलते रामेश्वर को संतनगर से सिंधी समाज के वोटों का झटका लगा था और जीत का अंतर कम हुआ था।

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