भोपाल. BDC News
भोपाल की कोहेफिजा पुलिस ने नीट यूजी (NEET UG) 2025 स्टेट लेवल काउंसलिंग के मॉप-अप राउंड में हुए धोखाधड़ी के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए बुधवार को दो छात्रों के पिता और दो एजेंटों को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर कान की विकलांगता (Physically Handicapped – PH) का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने की कोशिश करने का गंभीर आरोप है।
पुलिस ने आवश्यक पूछताछ के बाद गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों को जेल भेज दिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस जालसाजी गिरोह के चार अन्य सदस्यों की तलाश अभी भी जारी है।
क्या है पूरा मामला
यह धोखाधड़ी उस समय सामने आई जब दस्तावेज़ों की जाँच की जा रही थी। इस दौरान बिहार के सहरसा के छात्र हिमांशु कुमार और मुंबई की छात्रा क्रिस्टल डी. कोस्टा द्वारा जमा किए गए बीएचयू (BHU) के पीएच सर्टिफिकेट संदिग्ध पाए गए। जांच में ये प्रमाण पत्र फर्जी साबित हुए। इस मामले में पुलिस पहले ही दोनों आरोपी छात्रों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
अभिभावकों की गिरफ्तारी
कोहेफिजा पुलिस ने अब इस मामले में दोनों छात्रों के पिताओं को भी गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए पिताओं में बिहार के सहरसा निवासी डॉ. शैलेंद्र कुमार शामिल हैं। डॉ. शैलेंद्र कुमार पेशे से नेत्र चिकित्सक हैं, जिनका सुपौल में एक नेत्र चिकित्सालय और सहरसा में एक क्लिनिक है। दूसरे गिरफ्तार व्यक्ति मुंबई के निवासी क्लाइव डी. कोस्टा हैं, जो छात्रा क्रिस्टल के पिता हैं।
इन दोनों के साथ दो अन्य एजेंटों को भी पकड़ा गया है। इन एजेंटों ने कथित तौर पर फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र तैयार करने और संपूर्ण एडमिशन प्रक्रिया में अवैध रूप से सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पुलिस की यह कार्रवाई दर्शाती है कि मेडिकल सीटों पर धोखाधड़ी के प्रयासों में अभिभावक और बाहरी एजेंट दोनों ही सक्रिय रूप से शामिल थे।
सोर्स: पुलिस