एमपी में कांग्रेस को झटका, सुरेश पचौरी भाजपा में शामिल
भोपाल. भोपाल डॉट कॉम
LOK SABHA ELECTION: खबर मध्यप्रदेश की है..जहां कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लग रहा है। कांग्रेस के कदावर नेता और पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री सुरेश पचौरी पार्टी का अलविदा कहकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो रहे हैं। पचौरी शनिवर यहां 9 मार्च को मोदी का परिवार हो जाएंगे।
पचौरी के बार में
- साल 1972 में एक युवा कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। इसके बाद 1984 में राज्य युवा कांग्रेस अध्यक्ष बने। 1984 में ही सुरेश पचौरी को राज्यसभा के लिए चुना गया।
- साल 1990, 1996 और 2002 में वे फिर सांसद बने। पचौरी आज तक केवल दो बार ही चुनावी मैदान में उतरे। 1999 में उन्होंने भोपाल सीट से उमा भारती के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन भारी मतों से हार पाई।
- साल 2013 में दिवंगत नेता सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा को चुनौती दी।यह चुनाव भी वह पटवा से हार गए थे।
अहम जिम्मेदारियां निभाईं
पचौरी ने केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने रक्षा, कार्मिक, संसदीय मामले, सार्वजनिक शिकायत और पेंशन के साथ कांग्रेस पार्टी के जमीनी स्तर संगठन कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष भी रहे।
अपडेट होती खबर.. सुरेश पचौरी के साथ कई कांग्रेस नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ली
पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे सुरेश पचौरी ने भाजपा की सदस्यता ली
पूर्व विधायक संजय शुक्ला, कैलाश मिश्रा, सतपाल पलिया, बीजेपी में शामिल
इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सीएम डॉ. मोहन यादव, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान रहे मौजूद
भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस के टूटने का सिलसिला लगातार जारी।
गजेंद्र सिंह, अर्जुन पलिया, राजू खेड़ा ने भी भाजपा की सदस्यता ली
रामलला प्राण प्रतिष्ठा का न्याेता ठुकराने से आहत था
सुरेश पचौरी ने कहा- आज बड़ा पावन दिन है। जब मैंने राजनीति में प्रवेश किया था तब समाजसेवा करना मेरा ध्येय था। कभी सेना के शौर्य पर सवाल खड़े नहीं किए जाते थे, जहां तक धार्मिक सवाल की बात है तो अयोध्या में आयोजित कार्यक्रम (राम मंदरि प्राण प्रतिष्ठा) के निमंत्रण को ठुकराना गलत था। वो अमर्यादित था। ऐसा नहीं करना चाहिए था, तब ताला खुलवाया था तो जाना चाहिए था। पचौरी ने कहा कि राजीव गांधी ने मुझे शंकराचार्य के पास मंदिर के विषय में क्या काम करना चाहिए इस लेकर बात करने के लिए भेजा था। शंकराचार्य ने कहा था कि मंदिर बनना चाहिए। राजीव गांधी में भी कहा था ऐसा ही होगा। इस सब के दस्तावेज मेरे पास है, फिर किसके दबाव में आमंत्रण अस्वीकार किया गया। पचौरी ने कहा कि मैंने भगवान राम का सम्मान न करने वालों का साथ छोड़ दिया है। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि राख के ढेर पर ना शोले हैं और न अंगारे हैं, फिर हम क्यों बेवफा हो गए। कोई तो बात रही होगी। मैं बिना किसी मांग और किसी दबाव के चलते भाजपा में आया हूं।
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