भोजन की कमी को दूर करने के लिए प्रयासों के जरूरत
संत कन्या कॉलेज में अतिथि व्याख्यान
हिरदाराम नगर। BDC NEWS
संत हिरदाराम कन्या महाविद्यालय में अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया, जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने कृषि में जैव प्रौद्योगिकी की भूमिका विषय पर हुए व्याख्यान में अतिथि वक्ता डॉ रीना मेहरा, नेशनल एसोसिएट साइंटिस्ट इन लेंटिल इन द साउथ एशिया एंड चाइना प्रोग्रामए इंटरनेशनल सेंटर फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च इन ड्राई एरिया भोपाल डिवीजन एमपी थीं। उन्होंने मध्यप्रदेश और भोपाल में आईसीएसीआरडीए मुख्यालय और अनुसंधान प्रभागों के बारे में बताया। डॉ रीना मेहरा ने भारत में इकार्डा जर्मप्लाज्म का उपयोग करके जारी की जाने वाली दालों की किस्मों के बारे में बताया।
इकार्डा विभिन्न दलहन फसलों के उन्नतिकरण पर काम कर रहा हैं, जैसे रोग मुक्त सूखा प्रतिरोधी, कीटनाशक और शाकनाशी प्रतिरोधी फसलें विकसित करना। जल्दी परिपक्वता के साथ अतिरिक्त बड़े बीज, उच्च पोषण सामग्री और जिन्हें मशीनों द्वारा आसानी से काटा जा सकें। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में भोजन की कमी को दूर करने के लिए इन विशेषताओं पर काम करना समय की मांग है।
उन्होंने विस्तार से बताया कि बायोटेक्नोलॉजिस्ट जेनेटिक इंजीनियरिंगए प्लांट टिशू कल्चरए मॉलिक्यूलर बायोलॉजी आदि तकनीकों का उपयोग करके फसलों के सुधार और ट्रांसजेनिक पौधों के उत्पादन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। फसलों के रोग परीक्षण में माइक्रोबायोलॉजिस्ट की भूमिका पर भी चर्चा की गई। उन्होंने छात्रों को भारत और विदेशों में उच्च शिक्षा में विभिन्न फैलोशिप कार्यक्रमों के बारे में भी बताया। जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र और जीव विज्ञान, विशेष रूप से जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों पर भी चर्चा की गई।
डॉ चंद्रा पालीवाल, प्रभारी प्राचार्य एवं अधिष्ठाता विज्ञान संकाय ने कहा कि इस तरह के सत्र छात्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे उस विषय की उपयोगिता के बारे में जान सकते हैं जो वे पाठ्यक्रम में पढ़ रहे हैं। कार्यक्रम में 52 विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ दिव्या पटेल, सहायक प्राध्यापक, बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग तथा आभार प्रोफेसर शाजि़या खान ने व्यक्त किया।