जरा हटके

फिर टिकट की चाहत.. हाथ मिलाने का अंदाज

अजय तिवारी
कांग्रेसी सिंधी बोले- टिकट नहीं मिलेगा
कांग्रेस ने सिंधियों का सम्मेलन किया। मकसद था भाजपा से सिंधियों का मोह भंग करना था। ज्यादातर सम्मेलन कांग्रेसी विचारधारा के ही लोग जुटे थे। भाजपा धोखेबाज है, यह संदेश समाज के फैलाने का संदेश दिया गया। खबर अखबारों में नुमायां हुई। इसके बाद सोशल मीडिया पर एक सिंधी नेता ने ही, जो मंच पर मौजूद थे। कांग्रेस को सत्ता और संगठन में जिम्मेदारी के वादे पर अविश्वास जता दिया। सोशल मीडिया के जरिये मीडिया तक यह बात पहुंचाई- कांग्रेस सिंधियों को विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं देगी। …जबकि जिन नेताजी ने यह अविश्वास जताया वह पूर्व विधानसभा प्रत्याशी का पद अपने नाम के आगे लिखते हैं। चुनाव में टक्कर दी थी भाजपा को लेकिन खेत रहे।
संयोजक को सुनाईं
कांग्रेसी सिंधी सम्मेलन में कुछ सिंधी समाज के प्रतिनिधि नाराज दिखे। वह कमलनाथ से मिलना चाहते थे, लेकिन संयोजक उन्हें नाथ से नहीं मिलवा सके। फिर क्या था, नाराज कार्यकर्ताओं ने खरी सुना दीं। कहा- अभी से यह हाल है तो आगे क्या होगा, हमे दूर ही रहने दो। भाजपा ने कांग्रेस के सिंधी सम्मेलन पर जबरदस्त खामोशी साधी। हालांकि कहा, सिंधियों के साथ कांग्रेस ने क्या किया हर सिंधी जानता है।
नेताजी की अंदाजे बयां

संतनगर के भाजपा के युवा नेता का हाथ मिलाने का अंदाज जुदा है, जो हमेशा में चर्चा में रहता है। वह पूरा हाथ नहीं मिलाते तीन उंगली ही उनके हाथ मिलाने में आगे आती है, लेकिन यदि कोई उनके अंदाज में हाथ मिलाए तो वह उन्हें अखर जाता है। अभी हाल ही में उनकी तुर्क मिजाजी का जवाब मिला है। उनका पुष्पा वाला अंदाज आत्मीयता वाले अपने तैयार नहीं होने देता। वह व्यस्त भी बहुत रहते हैं, यदि कही जनप्रतिनिधि बन जाते तो उनका दिखना और समय मिलना आसान नहीं होता।

चलते-चलते..

खजूरी मार्ग पर एक विकलांग सेवा आश्रम था.. एक समय सेवा के लिए चर्चित रहा। आश्रम के संचालक एक मामले में जेल चला गया। वहां रहने वाले बच्चे इधर-उधर हो गए। आश्रम की जमीन पर बड़ा खेला हो गया, उस खेला का खुलासा होने वाला है। खेल में बड़ा खिलाड़ी जो है।

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