कम्युनिटी हाल गिराने की मांग: कौन गारंटी लेगा श्रद्धाराम आवासीय परिसर होगा नाम
किसके दम पर कह रही पंचायत भाजपा सरकार में नया नाम नहीं आएगा और प्रतिमा लगेगी
…. मांग की पीछे परदे के पीछे की कहानी कुछ और है… बतौर समाजसेवी श्रद्धारामजी के नाम पर सरकार आगे बढ़े, लेकिन अभी तो मामला सूत न कपास जुलाहों में लट्ठम लट्ठा वाला है।
हिरदाराम नगर। 14 अक्टूबर 2021 बीडीसी ब्यूरो
सिंधी सेंट्रल पंचायत ने संतनगर श्रद्धाराम कम्युनिटी हॉल को गिराकर आवासीय परिसर की मांग को जस्टीफाइ किया है। पंचायत ने साफ किया है श्रद्धाराम ज्ञानचंदानी के नाम को खत्म करने की बात नहीं है, जो आवासीय परिसर बनेगा उसका नाम भी श्रद्धारामजी के नाम पर ही होगा। अनुपयोगी भवन की जगह 15 से 45 लाख रूपये तक का फ्लैट खरीदने वाले जरूरतमंदों के लिए घर बनेंगे।
वार्ड पांच का श्रद्धराम कम्युनिटी हाल अभी तक अपनी बदहाली और सरकारी उदासीनता के लिए सुर्खियों में रहता था, अब आवासीय परिसर के लिए खत्म करने की प्लॉनिंग के लिए चर्चा में है। दरअसल मामले में परदे के पीछे कुछ और चल रहा है। पूज्य सिंधी पंचायत के खेल मैदान पर नए मंच के विरोध का समर्थन करने पर सिंधी सेंट्रल पंचायत नए मुद्दों के साथ सामने आई है। यह बताना जरूरी है, कि दोनों पंचायत एक बार नहीं कई बार थद्धाराम कम्युनिटी हॉल के कायाकल्प की मांग कर चुकी हैं, लेकिन इस बार सिंधी सेंट्रल पंचायत नई मांग के साथ सामने आई है।
पंचायत का तर्क
थद्धाराम ज्ञानचंदानी के नाम पर आवासीय परिसर में तब्दील करने की मांग का विरोध ठीक नहीं है। जिस कम्युनिटी हाल का इस्तेमाल 30 साल से नहीं हुआ है, अगर वह निम्न तथा मध्यम आय वर्ग, जो 15 से 45 लाख तक का घर खरीदने की हैसियत रखते है, खासतौर पर सिंधी विस्थापितों के लिए तो तो आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
यह भी कहा पंचायत ने
संत हिरदाराम नगर की कुछ संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं कतिपय लोगों का विरोध करना उनकी नियति बन गई है। विरोध केवल सुर्खियों में रहने के लिए करते हैं, फिर चाहे समाज में कोई भी अच्छा काम ही क्यों न होने जा रहा हो।
श्रद्धारामजी का नाम
प्रतिमा की मांग करेंगे
कम्युनिटी हाल गिराने और आवासीय परिसर की मांग करने वाली पंचायत कह रही है। थद्धारामजी के नाम चिरस्थाई बनाने के लिए आवासीय परिसर का नाम थद्धाराम आवासीय परिसर होगा और प्रतिमा भी लगवाई जाएगी…. यह बात अलग है कि पंचायत ऐसा होगा इसकी गारंटी किसके दम पर ले रही है….. चलते-चलते बता दूं, नई स्क्रीप्ट जिसके आधार पर पंचायत गिराने-बनाने की बात कर रही है, उसकी ही दम पर कर रही है। पूरा मामला सरकारी है, जो समय की साथ बदलता रहता है।