वॉशिंगटन.BDC News
करीब 43 दिनों तक चले अमेरिकी इतिहास के सबसे लंबे सरकारी गतिरोध का आखिरकार अंत हो गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस मामले में झुकने के बाद बुधवार रात को सीनेट में सरकारी कामकाज शुरू करने से जुड़ा फंडिंग बिल 222-209 मतों से पारित हुआ। व्हाइट हाउस ने तत्काल इसकी पुष्टि की कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस निर्णय के साथ ही अमेरिकी सरकारी कामकाज औपचारिक रूप से फिर से शुरू हो गया है। यह खबर न केवल अमेरिकी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के लिए, बल्कि सीधे तौर पर 4 करोड़ से अधिक अमेरिकियों के लिए एक बड़ी राहत है।
शटडाउन का मूल कारण
यह लंबी बंदी अमेरिकी सीनेट में सरकारी खर्चों से जुड़े बिल पर सहमत न बन पाने के कारण हुई थी। सीनेट सदस्यों द्वारा फंडिंग बिल को 14 बार खारिज किए जाने के बाद देश में शटडाउन की स्थिति पैदा हो गई। रिपोर्टों के अनुसार, यह शटडाउन स्वास्थ्य सेवा सब्सिडी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर डेमोक्रेट्स की मांगों पर बिना किसी स्पष्ट समाधान के साथ समाप्त हुआ है, जिसके लिए राष्ट्रपति ट्रंप को अंततः समझौता करना पड़ा।
आर्थिक गतिविधियों और यात्रा पर पड़ा व्यापक असर
बीते छह सप्ताह से जारी इस गतिरोध ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था और सार्वजनिक सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया। शटडाउन के कारण एयरलाइंस की उड़ानें बाधित हुईं, और लाखों लोगों को मिलने वाली खाद्य सहायता (फूड स्टैम्प) में भी देरी का सामना करना पड़ा। सबसे बड़ी चिंता की बात यह रही कि अमेरिका के आर्थिक आंकड़े भी ठप्प पड़ गए थे।
परिवहन अधिकारियों का अनुमान है कि उड़ानों पर लगे प्रतिबंध हटाने और हवाई अड्डे के संचालन को पूरी तरह से बहाल करने में लगभग एक सप्ताह का समय लग सकता है। डेल्टा एयरलाइंस (Delta Airlines) के सीईओ ने चेतावनी दी है कि शटडाउन के कारण रद्द हुई उड़ानों से एयरलाइन की कमाई पर बहुत खराब असर पड़ा है।
जीडीपी और नागरिकों को हुआ बड़ा नुकसान
इस शटडाउन का आर्थिक नुकसान काफी गहरा रहा। कांग्रेस के बजट कार्यालय ने अनुमान लगाया था कि इस बंदी के कारण चौथी तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर में 1.5% की कमी आ सकती है। हालांकि, संघीय कार्यक्रमों के फिर से शुरू होने और कर्मचारियों का बकाया वेतन जारी होने के बाद इस नुकसान में कुछ सुधार देखने की उम्मीद है।
सबसे अधिक मार उन 4.2 करोड़ अमेरिकियों पर पड़ी जो सीधे तौर पर फ़ूड स्टैम्प (खाद्य सहायता) पर निर्भर थे और इनमें से कई नवंबर के लाभ से वंचित रह गए। तमाम राज्यों का कहना है कि सहायता राशि को फिर से बढ़ाने में समय लग सकता है, जिसका अर्थ है कि इन लोगों को मदद के लिए अभी भी एक और सप्ताह तक इंतजार करना पड़ सकता है। भले ही अब फंडिंग बिल पर हस्ताक्षर हो गए हैं, लेकिन इस लंबी बंदी का वास्तविक नुकसान अर्थव्यवस्था और आम नागरिकों को हो चुका है।
सोर्स: मीडिया रिपोर्ट्स