बांग्लादेश हिंसा: विपक्षी नेता की मौत के बाद भड़की भीषण हिंसा, हिंदू युवक की नृशंस हत्या से तनाव

बांग्लादेश हिंसा: विपक्षी नेता की मौत के बाद भड़की भीषण हिंसा, हिंदू युवक की नृशंस हत्या से तनाव

ढाका/नई दिल्ली: BDC News
बांग्लादेश एक बार फिर भीषण हिंसा और अराजकता की आग में जल रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के कट्टर विरोधी नेता उस्मान हादी का पार्थिव शरीर शुक्रवार शाम जैसे ही सिंगापुर से ढाका पहुँचा, पूरे शहर में विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया। इस घटनाक्रम के बीच अल्पसंख्यकों पर हमले और संस्थाओं को निशाना बनाए जाने की खबरों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा कर दी है।

कट्टरपंथियों का तांडव: उदिची संस्था और मीडिया हाउसों में आगजनी

आंदोलनकारियों ने शुक्रवार शाम ढाका के टोपखाना रोड पर स्थित ‘उदिची शिल्पी गोष्ठी’ के कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। गौरतलब है कि यह संस्था लंबे समय से कट्टरपंथियों के विरोध में और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के लिए काम करती रही है। हिंसा यहीं नहीं रुकी; प्रदर्शनकारियों ने ढाका में दो प्रमुख मीडिया हाउस और अवामी लीग के कार्यालयों में भी तोड़फोड़ कर आगजनी की। उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की इस हिंसा ने पूरे प्रशासनिक ढांचे को हिला कर रख दिया है।

मानवता शर्मसार: हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या और दाह संस्कार

बांग्लादेश के भालुका से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहाँ कथित तौर पर धर्म के अपमान के आरोप में एक हिंदू युवक, जिसकी पहचान दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है, की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। बीबीसी बांग्ला की रिपोर्ट के अनुसार, उग्र भीड़ ने युवक को नग्न कर पेड़ से लटका दिया और उसे आग लगा दी। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में भीड़ को मजहबी नारे लगाते हुए देखा जा सकता है। इस नृशंस घटना ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

भारत अलर्ट: सीमा पर सेना की बढ़ी हलचल

पड़ोसी देश में बिगड़ते हालातों के बीच भारतीय सेना भी पूरी तरह सक्रिय हो गई है। हत्या के मुख्य आरोपी फैसल करीम के भारत भागने की खबरों के बाद सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। भारतीय सेना की ईस्टर्न कमांड के प्रमुख ले. जनरल आरसी तिवारी ने गुरुवार शाम भारत-बांग्लादेश सीमा का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। भारत स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है ताकि हिंसा का असर सीमावर्ती क्षेत्रों पर न पड़े।

उस्मान हादी की मौत ने बांग्लादेश को एक ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है जहाँ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता अब सांप्रदायिक हिंसा और संस्थागत विनाश में बदल गई है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने इन घटनाओं की निंदा करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

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