संतनगर Update

बैरागढ़ में बेदखली नोटिस: रेलवे की जमीन पर मुआवजा क्यों देना जरूरी है?


बैरागढ़ में बेदखली नोटिस : रेलवे की जमीन पर मुआवजा क्यों देना जरूरी है? जिस अतिक्रमण पर एक बार मुआवजा दिया जा चुका है। मुआवजा लेकर वह जमीन काबिज लोगों के जिम्मेदारों ने क्या खाली नहीं की। मुआवजा लेकर भी काबिज रहना अपराध है। एक कब्जा हटाने के लिए दो बार मुआवजा देना के प्रावधान कहीं नहीं है। जिम्मेदारी उनकी भी है, जिन्होंने एक बार मुआवजा देकर अपनी जमीन खाली नहीं कराई। सालों तक आंख मूंद कर क्यों सोते रहे?
मानवीय आधार पर विस्थापन जिला प्रशासन के स्तर पर हो सकता है। रेलवे अपनी ही जमीन के लिए दो बार मुआवजा दे यह संभव नहीं है। नोटिस जारी करके मौका दिया गया है, सुधार का रेलवे चाहे तो एफआईआर भी दर्ज करा सकती है, हालांकि मुआवजा लेने वाले ज्यादातर लोग दुनिया से ही चले गए हैं, लेकिन जमीन पर काबिज लोगों को आरोपी बनाया जा सकता है।
इस बार रेलवे की जमीन पर काबिज रहना संभव नहीं होगा, क्योंकि महत्वाकांक्षी योजना अमृत भारत स्टेशन योजना का क्रियान्वयन हो रहा है, जो स्टेशन का कायाकल्प करेगी। तीसरी रेलवे लाइन, वंदे भारत की साइड के साथ कई तरह की विकास की संभावना स्टेशन पर मौजूद हैं। राज्य के स्तर पर विस्थापन की पहल होगी तो यह भी तय है कि आसपास नहीं दूर बसाया जाएगा. सवाल-रोजी रोटी का उठेगा, जिसका जबाव भले ही प्रशासन न दे, लेकिन जबाव जमीन पर काबिज लोग हैं, जो सुविधा के एवज में बिजली का बिल, पानी का बिल चुकाए जाने की बात कह रहे हैं।

बता दे रेलवे ने ए सीआरपी व पटरी पार बसे 250 परिवारों को हटने को कह दिया है, नोटिस जारी होने के 10 दिन में से तीन दिन बीत भी चुके हैं, यानी सात दिन का वक्त बचाया है। रेलवे इसके बार खुद हटाने की कार्रवाई करेगा। विधायक रामेश्वर शर्मा से मुलाकात के बाद साफ हो गया है, रेलवे दोबार मुआवजा नहीं देगी, जो कुछ होगा जिला प्रशासन के स्तर पर होगा, वो भी मानवीय आधार पर।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *