झूलेलाल चालिहा साहब मंदिर: आस्था और संस्कृति का संगम, जहाँ हर त्योहार है खास
रितेश नाथानी
संतनगर का श्रीझूलेलाल चालीहा साहब मंदिर एच वार्ड ऐसा आस्था केन्द्र है,जहां आस्था और संस्कृति का संगम होता है। हर त्योहार पर खास होता है मंदिर में उत्सव। 16 जुलाई 1988 को श्री साबू रीझवानी ने एच वार्ड में मंदिर की स्थापना की थी, इस मंदिर में चालीहा उत्सव झूलेलालजी की कठोर व्रत साधना का गवाह बनता है।
हर साल 16 जुलाई चालीहा साधना की शुरूआत होती है। पूरे 40 दिन सिंधी समाज के पुरूष-महिलाएं एवं युवा वर्ग बहिराणा साहब की ज्योत प्रज्ज्वलित कर भगवान झूलेलालजी की विशेष पूजा अर्चना करता है। भजन-कीर्तन होते हें। चालीहा के दौरान, मंदिर में प्रतिदिन चालीहा और प्रसाद वितरण का आयोजन किया जाता है, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक शांति और आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा, धारू, जो शुक्रवार को मनाया जाता है, और चैतीचांद और अर्धचैती जैसे पर्व भी यहाँ उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। मंदिर में छेज का आयोजन भी किया जाता है, जो एक पारंपरिक सिंधी नृत्य है। इसके अलावा, मंदिर समिति द्वारा समय-समय पर विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है, जो भक्तों को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करते हैं।
यह मंदिर न केवल सिंधी समुदाय के लिए बल्कि सभी हिंदू भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यहाँ महाशिवरात्रि, रामनवमी, और दुर्गा उत्सव जैसे प्रमुख हिंदू त्योहार भी बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।
मंदिर के संचालक शेरू रीझवानी ने बताया कि यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि एक सांस्कृतिक केंद्र भी है, जहाँ लोग अपनी परंपराओं और संस्कृति से जुड़े रहते हैं। पिता श्री साबूमलजी ने मंदिर की स्थापना की है।चालीहा में यह मंदिर सिंधी समाज का प्रमुख आस्था केन्द्र रहता है। सिंधी पर्व त्योहारों के अलावा सनातनी धार्मिक आयोजन भी होते हैं।
भोपाल डॉट कॉम, संतनगर