लाड़ली बहना योजना: बढ़ी हुई राशि देने से पहले MP ने लिया 4000 करोड़ का कर्ज

लाड़ली बहना योजना: बढ़ी हुई राशि देने से पहले MP ने लिया 4000 करोड़ का कर्ज

भोपाल. BDC News

मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने ‘लाड़ली बहना’ योजना के लाभार्थियों को बढ़ी हुई राशि वितरित करने से ठीक पहले बाजार से 4000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। यह 15 दिनों के भीतर दूसरी बार है जब सरकार ने कर्ज लिया है। इस कर्ज का भुगतान आज (बुधवार) को किया जाएगा, जबकि इसके लिए नीलामी (ऑक्शन) मंगलवार को हुई थी।

बता दे… सरकार ने इस बार 1500-1500 करोड़ रुपए के दो कर्ज और 1000 करोड़ रुपए का एक अन्य कर्ज लिया है। यह लोन क्रमशः 16 साल, 22 साल और 19 साल की अवधि के लिए लिया गया है। इस कर्ज पर ब्याज का भुगतान कूपन रेट पर साल में दो बार (छह-छह माह में) किया जाएगा।

इस नए लोन के साथ ही चालू वित्त वर्ष में राज्य सरकार का कुल कर्ज 46,600 करोड़ रुपए हो गया है। इससे पहले, 28 अक्टूबर को भी सरकार ने 5200 करोड़ रुपए का कर्ज (21 और 22 साल की अवधि के लिए) लिया था।

लाड़ली बहना योजना पर अतिरिक्त भार

नवंबर माह से लाड़ली बहनों को 1250 रुपए की जगह 1500 रुपए की बढ़ी हुई मासिक किस्त दी जा रही है। आज सरकार लाड़ली बहनों के खातों में कुल 1857 करोड़ रुपए जमा करेगी, जो कि अक्टूबर में भेजी गई राशि (1541 करोड़ रुपए) से 316 करोड़ रुपए अधिक है। इस बढ़ी हुई राशि के कारण सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।

कुल कर्ज और सरकार का पक्ष

ताजा कर्ज लेने के बाद मध्य प्रदेश सरकार पर मौजूदा कुल कर्ज 4,64,340 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कर्ज लोन लिमिट के भीतर ही है। सरकार के अनुसार, केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के माध्यम से लिए जाने वाले कर्ज की यह राशि उत्पादक योजनाओं पर पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure on Productive Scheme) के लिए मंजूर की है। ये योजनाएं सिंचाई परियोजनाएं, सिंचाई और पावर प्रोजेक्ट्स, कम्युनिटी डेवलपमेंट्स प्रोजेक्ट्स आदि के रूप में संचालित हैं।

  • वित्त वर्ष 2023-24: सरकार 12487.78 करोड़ रुपए के रेवेन्यू सरप्लस में थी।
  • वित्त वर्ष 2024-25 (रिवाइज्ड अनुमान): सरकार की आय 1025.91 करोड़ रुपए सरप्लस रहने का अनुमान है।

चालू वित्त वर्ष में अन्य कर्ज

चालू वित्त वर्ष में लिए गए कर्ज इस प्रकार हैं

  • 1 अक्टूबर: दशहरा से पहले 3000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था।
  • 9 सितंबर: 4000 करोड़ रुपए के तीन कर्ज लिए गए थे।
  • 23 सितंबर: 3000 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए गए थे।
  • 8 जुलाई: 4800 करोड़ रुपए (2500 करोड़ और 2300 करोड़) के दो कर्ज लिए गए थे।
  • 4 जून: 4500 करोड़ रुपए (2000 करोड़ और 2500 करोड़) के दो लोन लिए गए थे।
  • 7 मई: चालू वित्त वर्ष का पहला कर्ज 5000 करोड़ रुपए (ढाई-ढाई हजार करोड़) के दो कर्ज के रूप में लिया गया था।

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