‘समाधान ऑनलाइन’ लापरवाही पर सख्त कार्रवाई: 3 निलंबित, 19 पर दंडात्मक कार्यवाही

‘समाधान ऑनलाइन’ लापरवाही पर सख्त कार्रवाई: 3 निलंबित, 19 पर दंडात्मक कार्यवाही

– कार्यप्रणाली में नवाचार लाएं, सुशासन स्थापित करें: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल: BDC News

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य प्रशासन की कार्य पद्धति में सुधार और सुशासन स्थापित करने पर जोर देते हुए अधिकारियों को नवाचार (Innovation) अपनाने का निर्देश दिया है। गुरुवार को आयोजित “समाधान ऑनलाइन” समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों के कार्य समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरे किए जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो जिले या क्षेत्र सीएम हेल्पलाइन के अंतर्गत शून्य शिकायतें दर्ज करेंगे, उन्हें विशेष रूप से पुरस्कृत किया जाएगा, ताकि अन्य जिलों को भी बेहतर कार्य प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहन मिल सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नागरिकों के लंबित प्रकरणों की समीक्षा के दौरान कार्य के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया।

  • निलंबन: तीन कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।
  • दंडात्मक कार्यवाही: कुल 19 अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध विभिन्न प्रकार की दंडात्मक कार्यवाही की गई।
  • अन्य निर्देश: 5 शासकीय सेवकों की वेतन वृद्धि रोकने, 6 को कारण बताओ नोटिस जारी करने, 7 प्रकरणों में अनुशासनात्मक कार्यवाही करने और एक प्रकरण में दोषी कर्मचारी के विरुद्ध विभागीय जांच के निर्देश दिए गए।

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों और विभागों का सम्मान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जहां लापरवाही पर सख्त एक्शन लिया, वहीं अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों और विभागों की सराहना भी की। बीते महीनों में हुए श्रेष्ठ कार्यों के लिए:

  • सर्वश्रेष्ठ जिले: रायसेन और दतिया जिले प्रथम स्थान पर रहे।
  • सर्वश्रेष्ठ विभाग: ऊर्जा विभाग को विभाग स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।

मुख्यमंत्री ने सितम्बर माह में सीएम हेल्पलाइन में शत-प्रतिशत निराकरण (High Performance) के लिए चार अधिकारियों (श्री के.के. दुबे, श्री वेंकटेश नेरकर, डॉ. नंदिता निगम और श्री कमलेश शुक्ला) को विशेष बधाई दी।

‘समाधान ऑनलाइन’ में प्रमुख प्रकरणों का समाधान

समीक्षा बैठक में छात्रवृत्ति, आहार अनुदान, भू-अर्जन मुआवजा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (राशन) और शिक्षकों की उपस्थिति से संबंधित कई महत्वपूर्ण लंबित प्रकरणों का समाधान किया गया।

  • आर्थिक लाभ और मुआवजा: अनूपपुर जिले के आवेदक श्री सीता बैगा को आहार अनुदान की राशि का भुगतान करवाया गया। अशोक नगर के श्री शिवप्रताप बुंदेला को पांच वर्ष के विलंब के बाद भू-अर्जन की मुआवजा राशि 17 लाख 25 हजार रुपए का भुगतान सुनिश्चित किया गया। डिण्डोरी के श्री अरुण यादव को सब्सिडी की लंबित राशि (97,500 रुपए) दिलवाई गई।
  • छात्रवृत्ति और शिक्षा: रीवा के श्री आशीष बहेलिया की लैपटॉप की राशि का भुगतान करवाया गया। डिण्डोरी के श्री उज्जवल साहू की पिछड़ा वर्ग छात्रवृत्ति का भुगतान भी पोर्टल की तकनीकी समस्या को दूर करके सुनिश्चित किया गया।
  • दोषी पर कार्रवाई: अनूपपुर में विलंब के लिए ग्राम पंचायत सचिव को निलंबित किया गया। डिण्डोरी में छात्रवृत्ति भुगतान में विलंब के लिए दोषियों को दंडित करने के निर्देश दिए गए। मैहर में समग्र आईडी को अन्य व्यक्ति के आधार से लिंक करने की बड़ी लापरवाही के लिए चार शासकीय सेवकों की वेतन वृद्धि रोकने तक की कार्रवाई की गई।
  • बैंक कर्मचारियों पर भी कार्रवाई: डिण्डोरी के एक मामले में बैंक स्टाफ की त्रुटि पाई गई, जिस पर मुख्यमंत्री ने बैंक कर्मचारियों पर भी लापरवाही के लिए दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश और सुशासन की प्राथमिकताएं

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को सुशासन स्थापित करने के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्देश दिए:

  1. तत्परता और विलंब से बचें: नागरिकों के कार्यों में किसी भी प्रकार का विलंब नहीं होना चाहिए।
  2. शैक्षणिक परिसरों का निरीक्षण: कलेक्टर्स समय-समय पर शैक्षणिक परिसरों और छात्रावासों का निरीक्षण करें ताकि विद्यार्थियों को आवश्यक सुविधाएं समय पर मिलें।
  3. जवाबदेही: शासकीय विभागों के साथ-साथ बैंक अधिकारी-कर्मचारी भी जनता के प्रति जवाबदेह हैं। लापरवाही पर उनके विरुद्ध भी दंडात्मक कार्यवाही की जाए।
  4. शिकायतें शून्य हो: कार्यालयों में शिकायतों को लंबित न रखा जाए, बल्कि उनका त्वरित निराकरण किया जाए।
  5. राशन दुकान संचालन: ग्रामीण क्षेत्र में राशन की दुकान स्थानांतरित करने के माम7ले में सरपंच और नगरीय क्षेत्र में पार्षद का सुझाव एवं सहमति लेना अनिवार्य है।
  6. जनकल्याण पर फोकस: जनकल्याण के सभी प्रकल्पों का क्रियान्वयन सही तरीके से सुनिश्चित किया जाए।

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