विश्लेषण…
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझानों ने राज्य की राजनीतिक तस्वीर को नाटकीय ढंग से बदल दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को इन शुरुआती रुझानों में प्रचंड बढ़त मिलती हुई दिखाई दे रही है। यदि ये रुझान अंतिम नतीजों में बदलते हैं, तो बिहार में पहली बार एक ऐसी गैर-जद(यू) एनडीए सरकार बनने का रास्ता खुल सकता है जिसका नेतृत्व वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के बिना किया जा सकता है।
राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान हुआ था— पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को। किसी भी दल या गठबंधन को सत्ता के सिंहासन पर काबिज होने के लिए 122 सीटों के बहुमत का आंकड़ा छूना अनिवार्य है।
रुझानों में NDA की स्थिति (208 सीटों पर बढ़त)
ताजा रुझानों के अनुसार, एनडीए गठबंधन कुल 208 सीटों पर आगे चल रहा है, जो बहुमत के आंकड़े से काफी अधिक है। गठबंधन के घटक दलों का प्रदर्शन इस प्रकार है:
- भारतीय जनता पार्टी (BJP): 95 सीटें
- जनता दल (यूनाइटेड) JDU: 84 सीटें
- लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) LJP(R): 19 सीटें
- राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) RLM: 2 सीटें
- हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) HAM: 3 सीटें
सवाल: क्या भाजपा बिना नीतीश कुमार के सरकार बना सकती है?
रुझानों के ये आंकड़े एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संभावना की ओर इशारा करते हैं: क्या भाजपा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद(यू) के बिना, अपने दम पर सत्ता पर काबिज हो सकती है?
सत्ता के लिए आवश्यक 122 विधायकों की संख्या को देखते हुए, भाजपा के लिए यह समीकरण संभव होता दिख रहा है:
| पार्टी | रुझानों में बढ़त |
| भाजपा (BJP) | 95 |
| रालोमो (RLM) | 2 |
| हम (HAM) | 3 |
| कुल योग | 100 |
इस स्थिति में, चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) LJP(R), जो 19 सीटों पर आगे है, एक किंगमेकर की भूमिका में आ सकती है। यदि लोजपा (आर) अपने 19 सीटों के साथ-साथ केवल 3 सीटें और जीत जाती है (यानी कुल 22 सीटें), तो 100+22 = 122 सीटों के साथ भाजपा, रालोमो, हम और लोजपा (आर) मिलकर आसानी से बहुमत का आंकड़ा पार कर लेंगे। यह समीकरण भाजपा को जद(यू) के बिना भी सरकार बनाने का अवसर प्रदान कर सकता है।
महागठबंधन और AIMIM की स्थिति
दूसरी ओर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन को रुझानों में भारी झटका लगा है। महागठबंधन केवल 28 सीटों पर आगे चल रहा है:
- राष्ट्रीय जनता दल (RJD): 24 सीटें
- कांग्रेस (Congress): 2 सीटें
- वामदल (Left Parties): 2 सीटें
अन्य दलों में, असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम (AIMIM) छह सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि ‘अन्य’ खाते में एक सीट दिख रही है।