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सेवासदन के सलाहकार कर्नल डॉ. देशपाण्डे को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार

भोपाल. BDC NEWS

अंतर्राष्ट्रीय एन.जी.ओ. विज़न 2020ःराईट टु साईट इण्डिया ने कर्नल डॉ. मदन देशपाण्डे को नेत्र सुरक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएं देने के कारण लाईफ टाईम अवार्ड 2024 प्रदान किया है । कर्नल डॉ. मदन देशपाण्डे वर्तमान में संत हिरदाराम नगर भोपाल स्थित सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय में सलाहकार के रूप में सेवारत हैं । सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय ट्रस्ट के अध्यक्ष संत सिद्ध भाऊजी ने कर्नल देशपाण्डे को यह पुरस्कार प्राप्त करने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं ।

कर्नल मदन देशपांडे वीएनएस सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय, भोपाल में डेवलपमेंट एंड सिस्टम कंसल्टेंट हैं। वे 1964 में सेना में भर्ती हुए। उन्होंने 1965 और 1971 के युद्धों में भाग लिया। वे एक प्रशिक्षित पैरा-शूटर और कमांडो हैं। कर्नल मदन देशपांडे 1971 में नेत्र विशेषज्ञ बने। उन्होंने नेत्र चिकित्सक के रूप में सेना में आधुनिक और उच्च कोटि की सेवाएं दीं तथा अनेक नवाचार किए। सिविलियंस का भी उन्होंने उपचार किया। उनकी समर्पित सेवाओं के लिए वर्ष 1992 मे राष्ट्रपति द्वारा उन्हें विशेष सेवा मेडल प्रदान किया गया। शिक्षक के रूप में भी वे बहुत लोकप्रिय रहे। पूरे देश में अपनी सेवाएं दे रहे उनके विद्यार्थी उनका शिष्य होने पर गर्व करते हैं।


कर्नल मदन देशपांडे विभिन्न विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षाओं में परीक्षक रहे। वे डॉ आर पी सेंटर एम्स, दिल्ली में पीएचडी के एग्जामिनर भी रह चुके हैं । उन्हें अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए। इनमें एशिया पैसिफिक रीजन, डॉ जी वेंकटस्वामी ओरेशन अवार्ड, एआईओएस अवार्ड मुख्य रूप से शामिल हैं। सेना में सेवारत रहने के दौरान ही उनके मन में सामुदायिक नेत्र चिकित्सा के प्रति रुचि जाग्रत हुई। उन्होंने रिटायर होने के बाद नेत्र शिविर लगाए। उन्होंने एचवी देसाई नेत्र हास्पिटल के प्रारंभ से ही नेत्र चिकित्सा पैरामेडिकल्स की टीम बनाने में मुख्य भूमिका का निर्वाह किया। उस समय वह अस्पताल सिर्फ दो कमरों में लगता था।

विजन 2020 का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने 43 नेत्र चिकित्सालयों में गुणवत्ता और निरंतर सेवाओं का विकास किया। साथ ही वे 12 अस्पतालों के विकास के लिए मेन्टोर भी रहे। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आए कर्नल देशपाण्डे ने सामुदायिक नेत्र चिकित्सा में विशेष रुचि ली। दुर्गम क्षेत्रों में नेत्र शिविर लगाकर अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने कौशल हस्तांतरण के साथ शिक्षण और प्रशिक्षण को भी प्रोत्साहित किया। सबसे बड़ी बात उनके विनम्र स्वभाव और समर्पित सेवाभाव के कारण बिना झिझक लोग उनसे सेवा लेने आते हैं। संक्षेप में, उन्होंने करुणा और सेवा के संकल्प के साथ गुणवत्तापूर्ण तथा कम लागत से नेत्र चिकित्सा प्रदान करने मेः अपना जीवन लगा दिया।

भोपाल डॉट कॉम ब्यूरो

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