रामलला की भव्य महाआरती से नूतन वर्ष का शुभारंभ
कर्मश्री के आयोजन में हज़ारों नागरिक सम्मिलित हुए, आतिशबाजी का आनंद लिया…..ढोल-ताशों और रंगबिरंगी आतिशबाजी के साथ सैकड़ों लोगों ने उतारी रामलला की आरती, एक-दूसरे को बधाई देकर हिन्दू नववर्ष मनाया…. ये सांस्कृतिक उत्कर्ष का उत्सव है : रामेश्वर
भोपाल। BDC NEWS
सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों में सक्रिय भूमिका रखने वाली भोपाल की कर्मश्री संस्था द्वारा हिन्दू नववर्ष का उत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। सोमवार को नववर्ष की पूर्व संध्या पर भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर आतिशबाजी कर संस्था द्वारा नववर्ष का अभिनंदन किया गया था। मंगलवार को नववर्ष की प्रथम संध्या पर कर्मश्री के अध्यक्ष व विधायक रामेश्वर शर्मा द्वारा भगवान रामलला की भव्य महाआरती का आयोजन किया गया। युवा सदन कार्यालय पर आयोजित इस महाआरती में भोपाल के सैकड़ों नागरिकों ने सम्मलित होकर रामलला की आरती की तत्पश्चात रंगबिरंगी आतिशबाजी के साथ एक-दूसरे को हिन्दू नववर्ष की बधाई दी। महाआरती में ढोल-ताशों की धुन पर रामलला की आरती उतारी गई। इस अवसर पर महंत अलीनानंद महाराज, भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल सहित कर्मश्री के पदाधिकारी व आमजन उपस्थित रहे।
महाआरती आयोजन में कर्मश्री अध्यक्ष विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि – भारत आज अपनी सांस्कृतिक स्वतंत्रता का उत्सव मना रहा है। हमारे धर्म और संस्कृति से जुड़े स्थलों का जीर्णोद्धार हो रहा है। अयोध्या में प्रभु श्रीराम जी का भव्य मंदिर बनकर तैयार हुआ है। ये हिन्दू अस्मिता के बढ़ते मान का प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा कि – नव संवत्सर को हिन्दू नववर्ष कहकर हम ही उसका दायरा कम कर देते हैं। यह तो राष्ट्रीय नववर्ष है। जब पाश्चात्य का प्रभाव नहीं था, तब हमारे पूर्वज गुड़ी पड़वा को ही नववर्ष मनाते थे। यह तो सृष्टि के निर्माण की तिथि है। इस अवसर पर प्रकृति में भी परिवर्तन होता है। इसलिए गुड़ी पड़वा को ही नववर्ष मनाना चाहिए। जो सनातन को मानते हैं उन्हें यही नववर्ष मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि – आज देश अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष का उत्सव मना रहा है। सैकड़ों वर्षों की प्रतीक्षा के बाद भव्य राममंदिर बना है, उसमें प्रभु विराजमान हुए हैं, प्रभु विराजमान के बाद यह पहला नववर्ष है, इसलिए इसे राममय स्वरूप में मनाया।