भोपाल: अजय तिवारी
मध्यप्रदेश विधानसभा के 69 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक दिवसीय विशेष सत्र सत्ता पक्ष के दावों और विपक्ष के तीखे प्रहारों का गवाह बना। जहाँ एक ओर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी सरकार के विजन को ‘भविष्य का मील का पत्थर’ बताया, वहीं विपक्ष ने ‘नीयत’ और ‘तत्काल गारंटी’ के मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा। सदन के भीतर हंसी-मजाक के बीच अस्पतालों की बदहाली और ‘लैंड पूलिंग एक्ट’ जैसे गंभीर विषयों पर तीखी बहस भी देखने को मिली
सरकार का विजन: टाइगर कॉरिडोर और लोकपथ एप
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सदन में अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए कहा कि उनके द्वारा लिए गए दूरगामी निर्णय भविष्य में ‘माइल स्टोन’ साबित होंगे। इसी कड़ी में मंत्री राकेश सिंह ने एक बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि प्रदेश के 5 टाइगर रिजर्व को जोड़कर एक विशाल ‘टाइगर कॉरिडोर’ बनाया जाएगा। साथ ही, यात्रियों की सुविधा के लिए ‘लोकपथ एप’ को अपडेट किया जा रहा है, जिससे रास्तों की दूरी और समय की सटीक जानकारी मिल सकेगी।
विपक्ष का पलटवार: ‘2047 नहीं, 2026 की गारंटी चाहिए’
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार की नीति और नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि केवल घोषणाओं से प्रदेश का भला नहीं होगा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार 2047 के सपने दिखा रही है, जबकि जनता को 2026 की गारंटी चाहिए। वहीं, उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने विपक्ष के नेताओं पर दर्ज हो रहे मुकदमों पर आपत्ति जताते हुए इसे लोकतंत्र के लिए घातक बताया।
सूट-बूट, चूहों का मुद्दा और ‘इंदौर वाली गोली’
सदन में उस वक्त ठहाके गूंज उठे जब मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री के ‘सूट-बूट’ वाले अवतार पर चुटकी लेते हुए खुद को और विधायकों को ‘गरीब वेशभूषा’ वाला बताया। हालांकि, यह हंसी जल्द ही हंगामे में बदल गई जब अस्पतालों में चूहों के कारण बच्चों की मौत का मुद्दा उठा। कांग्रेस विधायकों ने स्वास्थ्य मंत्री को घेरते हुए पूछा कि क्या सरकार 2026 तक अस्पतालों को चूहा-मुक्त करने का भरोसा दे सकती है? सदन के भीतर भाषाई चातुर्य भी दिखा, जब विधायक लखन घनघोरिया की शायरी पर विजयवर्गीय ने ‘इंदौर वाली गोली’ का जिक्र किया, जिस पर स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने भी मजाकिया लहजे में हस्तक्षेप किया।
सड़क पर संग्राम: नेशनल हेराल्ड केस और कांग्रेस का प्रदर्शन
सदन की कार्यवाही के बीच राजधानी की सड़कों पर भी सियासी तापमान बढ़ा रहा। नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी (ED) की चार्जशीट पर कोर्ट के संज्ञान न लेने के बाद कांग्रेस ने इसे केंद्र की हार बताया। कार्यकर्ताओं ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए बीजेपी दफ्तर का घेराव करने की कोशिश की, जिन्हें पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर रोका।