नई दिल्ली. BDC News
नई दिल्ली में 13 अगस्त को भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज (ISMR) की तीसरी बैठक आयोजित होगी, जिसमें दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। इस बैठक में भारत से सिंगापुर तक सौर ऊर्जा निर्यात के लिए समुद्र के नीचे केबल बिछाने का प्रस्ताव पास होने की संभावना है। इसके अलावा, भारत से सिंगापुर को हरित अमोनिया और हरित हाइड्रोजन के निर्यात पर भी महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है। यह बैठक सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की आगामी भारत यात्रा से पहले हो रही है।
अहम मुद्दों पर होगी बातचीत
इस बैठक में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव शामिल होंगे। वे सिंगापुर के छह मंत्रियों के साथ मिलकर कई विषयों पर बातचीत करेंगे।
- ऊर्जा सहयोग: बैठक में भारत से सिंगापुर तक सौर ऊर्जा निर्यात के लिए समुद्र के नीचे केबल बिछाने पर विचार किया जाएगा। इस केबल का उपयोग डेटा कनेक्टिविटी के लिए भी किया जा सकता है। हालांकि, अंडमान ट्रेंच के कारण केबल बिछाने में कुछ चुनौतियाँ हैं।
- कौशल विकास: दोनों देश विमानन, अर्धचालक और उन्नत विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में कौशल विकास पर चर्चा करेंगे। इसका लक्ष्य हर साल लगभग 1,00,000 भारतीयों को प्रशिक्षण देना है।
- निवेश और व्यापार: बैठक में भारत में सिंगापुर की कंपनियों द्वारा निवेश बढ़ाने के तरीकों पर भी विचार किया जाएगा। इसके साथ ही, अमेरिका की टैरिफ नीति के प्रभाव और उससे निपटने के तरीकों पर भी चर्चा हो सकती है।
सिंगापुर: भारत का अहम व्यापारिक साझेदार
सिंगापुर आसियान (ASEAN) देशों में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। यह भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) के प्रमुख स्रोतों में से एक है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में सिंगापुर भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा। पिछले 10 सालों में सिंगापुर का वार्षिक निवेश भारत में 10 से 15 अरब अमेरिकी डॉलर के बीच रहा है, जो दोनों देशों के मजबूत आर्थिक संबंधों को दर्शाता है।