भोपाल

MP: प्राइवेट वाहनों को किया करोड़ों का भुगतान

भोपाल. भोपाल डॉट कॉम
सूचना के अधिकार में हासिल जानकारी लेकर कांग्रेस नेताओं ने मीडिया के सामने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। मामला राज्य शिक्षा केन्द्र में लगे प्रायवेट वाहनों का है। केन्द्र 13 महीनों में लगभग 1 करोड़ 75 लाख रूपयों का भुगतान राय श्री ट्रेवल एजेंसी को किया है। कांग्रेस ने लोकायुक्त से संज्ञान लेकर जांच की मांग है।
कांग्रेस सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पुनीत टंडन बुधवार को पीसीसी में अपनी बात रखी। टंडन के कहा पूरा मामला साल 2023 का है। तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का राज्य शिक्षा केंद्र के नाम पर वाहन क्रमांक एमपी 04 सी.डब्ल्यू. 9950 आवंटित किया गया था। यह आवंटित वाहन बिल में मारूति सियाज दर्ज है, जबकि परिवहन विभाग में यह वाहन हुडई कंपनी की क्रेटा दर्ज है। इस वाहन के 13 माह का वाहन स्वामी को कुल राशि 8 लाख 62 हजार 236 रूपए का भुगतान किया गया। जांच का विषय है।
मंत्री स्टाफ, स्कूल शिक्षा, राज्य शिक्षा केंद्र के नाम पर एम.पी. 04 जेड.के. 4477 मारूति सियाज भुगतान के लिए बिल में दर्ज है। जबकि यह वाहन परिवहन विभाग में रजिस्ट्रर्ड ही नहीं है। परिवहन विभाग ने वाहन का रिकॉर्ड दर्ज नहीं होने जानकारी सूचना के अधिकार में दी है। एक अन्य वाहन मंत्री स्कूल शिक्षा के नाम पर आवंटित वाहन क्रमांक एम.पी. 04 बी.सी. 7480 बिल में गाड़ी का नाम इनोवा किस्टा दर्ज है, जबकि परिवहन विभाग में यह वाहन स्कार्पियों दर्ज है। इस वाहन का एक माह का बिल भुगतान 01 अप्रैल 2023 से 30 अप्रैल 2023 तक का एक लाख 80 हजार 628 रूपए का भुगतान किया गया। जबकि वाहन स्कार्पियों है। अनुबंध के अनुसार इनोवा किस्टा को प्रतिमाह लगभग 75,000 रूपए प्रतिमाह किराया एवं अतिरिक्त चलने पर 18.50 रूपए प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान किया गया, जो बिल में उल्लेखित है।
मंत्री स्कूल शिक्षा को आवंटित वाहन एमपी 04 बी.सी. 7755 इनोवा किस्टा वाहन को 11 माह में कुल राशि 17 लाख 92 हजार 133 रूपए का भुगतान किया गया, जो जांच का विषय है। एक अन्य वाहन मंत्री स्कूल शिक्षा के नाम पर आवंटित इनोवा किस्टा क्रमांक एमपी 04 जेड.एच. 5566 का 2 माह का राशि 3 लाख 92 हजार 076 रूपए भुगतान किया गया है। जबकि यह वाहन परिवहन विभाग में प्रायवेट कोटे पर दर्ज है।

क्या है नियम
मप्र शासन, वित्त विभाग, मंत्रालय के सर्कुलर में विभिन्न विभागों / कार्यालयों द्वारा वाहन किराये पर लिये जाने संबंधी मार्गदर्शी सिद्धांत अनुसार पैरा-2 के बिंदु क्रमांक 3 में दर्ज क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में टैक्सी कोटे में रजिस्टर्ड वाहन ही किराये पर लिया जाये अंकित है।
नियमों का उल्लंघन
राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जो वाहन कार्यालय मंत्री स्कूल शिक्षा/ मंत्री स्टाफ के लिए ट्रेवल एजेंसी से वाहन किराये पर लिये गये हैं, वे वाहन टैक्सी कोटे में दर्ज न होकर प्रायवेट वाहन हैं, मामला टैक्स चोरी का बनता है और भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है।

– पंकज अग्निहोत्री

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