मासूम की जिंदगी को, मदद की दरकार.. थैलेसीमिया से घिरा है देवांश
पूज्य सिंधी पंचायत आगे आई…. बोनमैरा डोनर मिला, 35 लाख रूपये की दरकार
भोपाल. रितेश कुमार BDC News
थैलेसीमिया के साथ जीवन इतनी जटिलताओं से भरा होता है, यह सोचकर भी मन बेचैन हो जाता है। रोग ग्रसित बच्चे की जिंदगी के लिए लगातार रक्त चढ़ना पड़ता है। स्थायी उपचार के लिए बोनमैरो ट्रांसप्लांट ही एक रास्ता होता है, हालांकि यह उपचार इतना महंगा होता है ज्यादातर रोग ग्रसित परिवार के लिए वहन करना आसान नहीं होता।
संतनगर के एक थैलेसीमिया ग्रसित मासूम 9 वर्षीय देवांश वासवानी की जिंदगी बचाने के लिए मदद की मुहिम सिंधी समाज की प्रतिनिधि संस्था पूज्य सिंधी पंचायत ने शुरू की है। देवांश की बोनमैरो ट्रांसप्लांट की उम्मीद बंधी है। परिवार के किसी सदस्य से मैच नहीं हुआ, लेकिन बाहर डोनर मिल गया है।
35 लाख की कोटेशन
ट्रांसप्लांट फोर्टिस हॉस्पिटल, गुड़गांव में होना है, इसके लिए परिवार को अस्पताल से 35 लाख का कोटेशन आया है। इलाज के चलते मरीज को करीब 5 से 6 महीने अस्पताल में रहना होगा। देवांश की मांग हिमांशु वासवानी ने बताया कि हर 15-20 दिन देवांश को खून की आवश्यकता होती है। ईश्वर ने बोनमैरो डोनर तो दिलवा दिया है, लेकिन आर्थिक रूप से हमारे लिए यह संभव नहीं है।
मदद का आग्रह किया है
जीवन में कभी किसी के द्वारा की हुई भलाई व्यर्थ नहीं जाती वो किस रूप में लौटकर आयेगी ये ईश्वर ही जानता है। देवांश की मदद को लेकर लोगों से आगे आने का आग्रह पंचायत ने किया है। उम्मीद है सेवा की नगरी देवांश की मदद करेगी।
माधु चांदवानी, अध्यक्ष पूज्य सिंधी पंचायत
थैलेसीमिया क्या होता है?
थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है। इसमें अस्थि मज्जा में हीमोग्लोबिन बनाने की क्षमता कम हो जाती है। हीमोग्लोबिन, लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन है। यह शरीर के अलग-अलग अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है। थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों में हीमोग्लोबिन का स्तर असामान्य होता है। इससे एनीमिया हो जाता है।