धर्म डेस्क. BDC News
भगवान शिव को समर्पित मासिक शिवरात्रि का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से भगवान महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। वर्ष भर में कुल 12 मासिक शिवरात्रियां आती हैं, जिनमें से फाल्गुन मास की मासिक शिवरात्रि (जिसे महाशिवरात्रि कहा जाता है) सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। आइए, जानते हैं साल 2026 में मासिक शिवरात्रि का व्रत कब-कब रखा जाएगा।
मासिक शिवरात्रि 2026: तिथि और शुभ समय
वर्ष 2026 में पड़ने वाली सभी 12 मासिक शिवरात्रि व्रत…
| महीना | मासिक शिवरात्रि तिथि | चतुर्दशी तिथि आरंभ (IST) | चतुर्दशी तिथि समाप्त (IST) |
| जनवरी | 16 जनवरी 2026 | 16 जनवरी, रात 10:21 बजे | 18 जनवरी, दोपहर 12:03 बजे |
| फरवरी | 15 फरवरी 2026 (महाशिवरात्रि) | 15 फरवरी, शाम 5:04 बजे | 16 फरवरी, शाम 5:34 बजे |
| मार्च | 17 मार्च 2026 | 17 मार्च, सुबह 9:23 बजे | 18 मार्च, सुबह 8:25 बजे |
| अप्रैल | 15 अप्रैल 2026 | 15 अप्रैल, रात 10:31 बजे | 16 अप्रैल, रात 8:11 बजे |
| मई | 15 मई 2026 | 14 मई, सुबह 8:31 बजे | 15 मई, सुबह 5:11 बजे |
| जून | 13 जून 2026 | 13 जून, शाम 4:07 बजे | 14 जून, दोपहर 12:19 बजे |
| जुलाई | 12 जुलाई 2026 | 12 जुलाई, रात 10:29 बजे | 13 जुलाई, शाम 6:49 बजे |
| अगस्त | 11 अगस्त 2026 (श्रावण शिवरात्रि) | 11 अगस्त, सुबह 5:54 बजे | 12 अगस्त, सुबह 1:52 बजे |
| सितंबर | 9 सितंबर 2026 | 9 सितंबर, दोपहर 12:30 बजे | 10 सितंबर, सुबह 10:33 बजे |
| अक्टूबर | 8 अक्टूबर 2026 | 8 अक्टूबर, रात 10:15 बजे | 9 अक्टूबर, रात 9:35 बजे |
| नवंबर | 7 नवंबर 2026 | 7 नवंबर, सुबह 10:47 बजे | 8 नवंबर, सुबह 11:27 बजे |
| दिसंबर | 7 दिसंबर 2026 | 7 दिसंबर, सुबह 2:22 बजे | 8 दिसंबर, सुबह 4:12 बजे |
मासिक शिवरात्रि का महत्व
मासिक शिवरात्रि का व्रत मुख्यतः रात्रि के समय किया जाता है, क्योंकि भगवान शिव की पूजा निशा काल (मध्य रात्रि) में करने का विशेष महत्व है।
- मनोकामना पूर्ति: यह व्रत अविवाहितों के लिए अच्छा वर या वधू प्राप्त करने और विवाहितों के लिए सुखी वैवाहिक जीवन तथा संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है।
- पापों का नाश: यह व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन के कष्ट और दुःख दूर होते हैं, और वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है।
- महाशिवरात्रि का आधार: फाल्गुन मास में आने वाली मासिक शिवरात्रि को ही महाशिवरात्रि कहा जाता है, जो सभी शिवरात्रियों में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। श्रावण मास (सावन) में आने वाली शिवरात्रि को श्रावण शिवरात्रि कहते हैं, जिसका महत्व भी अत्यधिक होता है।
पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन भक्तों को सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करना चाहिए। शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, घी, शहद और गन्ने के रस से किया जाता है। इसके बाद बेलपत्र, धतूरा, भांग, फल और पुष्प अर्पित किए जाते हैं। रात्रि के चार प्रहर में शिव चालीसा, शिव तांडव स्तोत्र और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करना शुभ माना जाता है।
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