गणेश महोत्सव… दस दिन में हर दिन शुभ योग, सात दिन श्रेष्ठ योग

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गुरूदेव तिवारी
गणपति बप्पा मोरिया… आ रहे पार्वती नंदन की साधना के दिन। 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी है। गणेशोत्सव में सात दिन अच्छे योग हैं। इन दिनों में नई शुरूआत बेहद शुभ होगी।गणेशोत्सव के आगाज की बात करें तो वह सभी योग 31 अगस्त को हैं, जो पार्वतीनंदन के जन्म पर बने थे। बुधवार है, तिथि चतुर्थी है, नक्षत्र चित्रा है माध्यांह काल दुपहरी है।

यह शुभ योग

  • 10 दिनों की गणेश साधना में हर दिन शुभ योग हैं।
  • नवमी तिथि घटने से इस बार महोत्सव 10 दिनों का ही रहेगा।
  • सर्वार्थसिद्धि, राजयोग और रवियोग बनने से नौ दिन शुभ रहेंगे।
  • सात मुहूर्त ऐसे हैं जो संपत्ति,आभूषण और वाहन खरीदी के लिए शुभ हैं।
  • सिद्धि विनायक रूप की साधना उत्तम होगी।
  • गुरु ग्रह से देह स्थूल योग यानी लंबोदर योग बन रहा है।

शुभ मुहूर्त

गणेश चतुर्थी की तिथि का आरंभ 30 अगस्त, मंगलवार को दोपहर 03 बजकर 34 मिनट पर होगा। समापन 31 अगस्त, बुधवार को दोपहर 03 बजकर 23 मिनट पर होगा। गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त 31 अगस्त को सुबह 11 बजकर 05 मिनट से शुरू होकर 1 सितंबर को रात 01 बजकर 38 मिनट तक रहेगा।


पूजा विधि
सबसे पहले गणेश प्रतिमा का गंगाजल से अभिषेक करें। चौकी में लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना करें। पुष्प, दूर्वा अर्पित करें और लाल सिंदूर चढ़ाएं। पूजा में लड्डू, मोदक और फलों का भोग लगाएं।


गणेशजी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥


एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥


जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥


पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥


जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥


अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥


जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥


‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥


जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

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