भोपाल: BDC News. डेस्क
मध्यप्रदेश में इस साल मानसून की स्थिति असामान्य रही है। अगस्त का पहला हफ्ता लगभग सूखा बीत गया है, और अगले चार दिनों तक भी अच्छी बारिश की संभावना नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार, इस मानसूनी सीजन में ऐसा पहली बार हुआ है कि बारिश का स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव नहीं है, जिस वजह से बारिश की कमी महसूस की जा रही है।
प्रदेश में अभी भी कम एक्टिव हैं सिस्टम
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि फिलहाल एक मानसून ट्रफ, एक अन्य ट्रफ और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम मौजूद हैं, लेकिन इनका प्रदेश पर खास असर नहीं दिख रहा है। यही वजह है कि राज्य में भारी बारिश का दौर रुका हुआ है। 10 अगस्त के बाद ही तेज बारिश की संभावना है, जिससे अगस्त में बारिश का कोटा पूरा होने की उम्मीद है।
कहाँ कितनी बारिश और तापमान?
- बारिश: 1 जून से 31 जुलाई तक प्रदेश में औसत 28 इंच बारिश हुई, जबकि 1 से 6 अगस्त के बीच सिर्फ 0.7 इंच पानी ही गिरा। गुना में सबसे ज्यादा 45.8 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि इंदौर इस मामले में सबसे पीछे है।
- तापमान: बुधवार को खजुराहो में पारा 35 डिग्री सेल्सियस पर पहुँच गया। भोपाल में अधिकतम तापमान 32.7 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि ग्वालियर, रतलाम, उज्जैन, जबलपुर और अन्य शहरों में भी तापमान 33 से 34 डिग्री के पार रहा।
जुलाई में हुई थी बाढ़ जैसी स्थिति
इससे पहले, जुलाई के महीने में प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने थे। खासकर जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में जमकर बारिश हुई थी। रायसेन में बेतवा नदी में आए उफान से खेत, मंदिर और पुल डूब गए थे, और कई डैम ओवरफ्लो हो गए थे।