मंडला. BDC News
मंडला के कान्हा टाइगर रिजर्व के कोर पर्यटन क्षेत्र में मोबाइल फोन के उपयोग पर रोक लगा दी गई है। ऐसा सुप्रीम कोर्ट के 17 नवंबर 2025 को दिए आदेश का पालन करते हुए लिया गया है। कोर्ट ने आदेश दिया था कि टाइगर रिजर्व के कोर हैबिटेट में स्थित पर्यटन क्षेत्रों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल प्रतिबंधित किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) द्वारा प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व को आदेश जारी किए गए थे। इन्हीं निर्देशों के तहत अब कान्हा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने कोर ज़ोन में मोबाइल फोन पर पूरी तरह प्रतिबंध लागू कर दिया है। पर्यटक, गाइड और ड्राइवर सभी पर यह आदेश लागू होगा। होटल व लॉज संचालक किसी भी स्थिति में मोबाइल फोन का उपयोग नहीं कर सकेंगे। सफारी के दौरान मोबाइल फोन अपने पास रखना भी नियमों के उल्लंघन की श्रेणी में आएगा।
क्यों लगाया गया मोबाइल पर बैन
वन विभाग के अनुसार मोबाइल फोन के उपयोग से वन्यजीवों के प्राकृतिक व्यवहार में बाधा उत्पन्न होती है।
कैमरा फ्लैश और वीडियो रिकॉर्डिंग से जानवर विचलित होते हैं।
रिंगटोन और बातचीत से जंगल का शांत वातावरण प्रभावित होता है।
इन्हीं कारणों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कोर ज़ोन को मोबाइल-फ्री रखने के निर्देश दिए थे।
पर्यटकों में नाराजगी
मोबाइल प्रतिबंध पर पर्यटकों में नाराजगी देखी गई। पर्यटकों का कहना है कि उनके पास महंगे कैमरे नहीं होते और वे मोबाइल फोन से ही फोटो व वीडियो बनाकर अपनी यादें संजोते थे।
वन विभाग का पक्ष
कान्हा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर का कहना है कि यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत लिया गया है। उन्होंने कहा कि पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ के निर्देशों का पालन करते हुए कोर पर्यटन क्षेत्र में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसका उद्देश्य वन्यजीवों की सुरक्षा और उनके प्राकृतिक आवास को संरक्षित रखना है।
नियम तोड़ने पर होगी ये कार्रवाई
वन विभाग के अनुसार, कोर ज़ोन में मोबाइल फोन का उपयोग करते पाए जाने पर पर्यटक को सफारी से बाहर किया जा सकता है। जुर्माना लगाया जा सकता है। गाइड या ड्राइवर का लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है। साथ ही वन विभाग द्वारा जल्द ही प्रवेश द्वारों पर सूचना बोर्ड और दिशा-निर्देश भी लगाए जाएंगे।