वाशिंगटन डीसी: BDC News
दुनिया के सबसे चर्चित और घृणित सेक्स स्कैंडल ‘एपस्टीन फाइल्स’ से जुड़े रहस्य अब सार्वजनिक हो चुके हैं। अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ) ने करीब 3 लाख दस्तावेजों और हजारों तस्वीरों का जखीरा पेश किया है, जिसने वैश्विक स्तर पर राजनीति, मनोरंजन और विज्ञान जगत की बड़ी हस्तियों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इन फाइलों में पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, ब्रिटिश प्रिंस एंड्रयू, दिवंगत पॉप स्टार माइकल जैक्सन और हॉलीवुड अभिनेता क्रिस टकर जैसी शख्सियतों की संदिग्ध मौजूदगी ने दुनिया को स्तब्ध कर दिया है।
3 लाख दस्तावेज और 250 नाबालिगों की सिसकियां
19 दिसंबर 2025 को सार्वजनिक किए गए इन दस्तावेजों के पाँच सेटों ने एपस्टीन के काले साम्राज्य की परतें खोल दी हैं। फाइलों से खुलासा हुआ है कि जेफ्री एपस्टीन के जाल में 250 से अधिक नाबालिग लड़कियों का बेरहमी से शोषण किया गया। कुल 1200 से ज्यादा पीड़ितों और उनके परिवारों की दास्तां इन कागजों में दर्ज है। जारी तस्वीरों में पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को पूल में महिलाओं के साथ और प्रिंस एंड्रयू को महिलाओं के समूह के बीच आपत्तिजनक स्थिति में देखा जा सकता है। यह दस्तावेज केवल कागजी सबूत नहीं, बल्कि रसूख की आड़ में छिपे एक संगठित अपराध का रिकॉर्ड हैं।
एक शिकायत से साम्राज्य के पतन तक की कहानी
इस विशाल सेक्स स्कैंडल की नींव 20 साल पहले 2005 में पड़ी थी, जब फ्लोरिडा की एक 14 वर्षीय लड़की की मां ने साहस जुटाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। मसाज के बहाने शुरू हुआ यह शोषण का सिलसिला जांच के दौरान 50 अन्य लड़कियों तक पहुँचा। पुलिस को पता चला कि एपस्टीन का रसूख इतना था कि वह अपने निजी विमान ‘लोलिता एक्सप्रेस’ के जरिए लड़कियों को अपने ‘लिटिल सेंट जेम्स’ आइलैंड पर लाता था। हालांकि, 2008 में उसे महज 13 महीने की सजा हुई, लेकिन 2019 में वर्जीनिया ग्रिफे और 80 अन्य महिलाओं की गवाही ने उसे सलाखों के पीछे पहुँचा दिया।
‘लिटिल सेंट जेम्स’: अय्याशी और नेटवर्क का निजी द्वीप
एपस्टीन का निजी द्वीप ‘लिटिल सेंट जेम्स’ केवल पार्टी का अड्डा नहीं, बल्कि एक गुप्त नेटवर्किंग हब था। यहाँ केवल रईस और ताकतवर लोग ही निजी जेट या बोट से पहुँच सकते थे। पीड़ितों की गवाही के अनुसार, यहाँ नाबालिग लड़कियों को ड्रग्स दिए जाते थे और उन्हें ग्रुप सेक्स के लिए मजबूर किया जाता था। साथ ही, यहाँ उन लोगों की गुप्त मीटिंग्स होती थीं जो सार्वजनिक रूप से कभी नहीं मिल सकते थे। बिल गेट्स जैसे दिग्गजों ने भी स्वीकार किया कि वे नेटवर्किंग के लिए एपस्टीन से मिले थे, जिसे बाद में उन्होंने अपनी बड़ी ‘गलती’ माना।
एपस्टीन की रहस्यमयी मौत और अनसुलझे सवाल
जुलाई 2019 में गिरफ्तारी के ठीक एक महीने बाद 10 अगस्त को एपस्टीन की जेल में मौत हो गई। सरकारी रिपोर्ट ने इसे आत्महत्या करार दिया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने गर्दन की टूटी हड्डियों को देखकर इसे गला घोंटने (हत्या) का मामला बताया। जिस रात एपस्टीन की मौत हुई, जेल के सीसीटीवी कैमरे संदिग्ध रूप से बंद थे और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती में भी चूक पाई गई। इस घटना ने उन संदेहों को जन्म दिया कि एपस्टीन के पास कई ताकतवर लोगों की ऐसी जानकारियां थीं, जो उनकी जिंदगी तबाह कर सकती थीं।
नाम आने का कानूनी और नैतिक असर
एपस्टीन फाइल्स में बिल क्लिंटन, डोनाल्ड ट्रंप, स्टीफन हॉकिंग और एलन मस्क जैसे नामों का जिक्र होने का मतलब यह नहीं है कि वे सभी अपराधी हैं। अमेरिकी कानून के अनुसार, केवल नाम आने से कोई दोषी साबित नहीं होता; इसके लिए वित्तीय लेन-देन या प्रत्यक्ष गवाही जैसे ठोस सबूत अनिवार्य हैं। हालांकि, इन खुलासों का नैतिक प्रभाव काफी गहरा है, जिसके कारण कई हस्तियों को सार्वजनिक आलोचना और पद त्याग का सामना करना पड़ा है। अब तक किसी भारतीय शख्सियत का नाम इस स्कैंडल से सीधा नहीं जुड़ा है।
आगे की राह: पारदर्शिता और रिपोर्ट की समय सीमा
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हस्ताक्षरित ‘एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट’ के तहत ये दस्तावेज सार्वजनिक किए गए हैं। अब कानूनन अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) को 3 जनवरी 2026 तक एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करनी होगी। इस रिपोर्ट में विभाग को यह स्पष्ट करना होगा कि कौन से रिकॉर्ड सार्वजनिक किए गए, किन्हें और क्यों रोका गया, और जारी किए गए फोटो या दस्तावेजों में किए गए बदलावों (Edits) की कानूनी वजह क्या है।
सोर्स मीडिया रिपोर्ट्स